बनना चाहती थी पत्रकार बन गई IPS, नाम सुनकर थर-थर कांपते थे डकैत, दिलचस्प है सक्सेस स्टोरी

प्रीति चंद्रा राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली हैं, उनका जन्म 1979 में सीकर जिले के कुंदन नामक गांव में हुआ था, प्रीति का शुरु से ही सपना था कि वो जिंदगी में कुछ बड़ा करें, इसलिये वो पहले पत्रकार बनना चाहती थी।

New Delhi, Mar 02 : यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करना कोई आसान बात नहीं है, ये देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है, जिसे पास करने के लिये अच्छों-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं, हर साल करीब 10 लाख परीक्षार्थी इस परीक्षा के लिये आवेदन करते हैं, जिसमें से सिर्फ 1 हजार ही पास कर अधिकारी बनते हैं, आज हम इस परीक्षा को पास कर बनी आईपीएस अधिकारी प्रीति चंद्रा के बारे में बताएंगे, जिनका नाम सुनते ही बड़े से बड़े डकैत भी सरेंडर कर देते थे, इनके नाम का इतना खौफ था कि अपराधी इन पोस्टिंग की खबर सुनते ही थर-थर कांपने लगते थे।

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आईपीएस से पहले थी टीचर
आपको बता दें कि प्रीति चंद्रा राजस्थान के सीकर जिले की रहने वाली हैं, उनका जन्म 1979 में सीकर जिले के कुंदन नामक गांव में हुआ था, प्रीति का शुरु से ही सपना था कि वो जिंदगी में कुछ बड़ा करें, इसलिये वो पहले पत्रकार बनना चाहती थी, लेकिन एम फिल की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होने स्कूल में बच्चों को पढाना सुरु कर दिया, हालांकि उनके मन में हमेशा कुछ बड़ा करने का जूनून सवार रहा, जिसे देखते हुए उन्होने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी का फैसला लिया।

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बिना कोचिंग पहले ही प्रयास में सफलता
प्रीति चंद्रा ने इस परीक्षा के लिये इतनी तैयारी की, कि उनका पहले ही प्रयास में आईपीएस पद के लिये चयन हो गया, आपको बता दें कि प्रीति ने 2008 में बिना किसी कोचिंग के ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा कर ली। आईपीएस बनने के बाद उनकी पोस्टिंग करौली में हुई, तो उन्होने वहां के अपराधियों पर लगाम लगाने के लिये कई बड़े काम किये, एसपी के तौर पर काम करते हुए उन्होने वहां अपराधियों के बीच ऐसा डर का माहौल बनाया, कि वहां बड़े से बड़े डकैतों ने खुद ही सरेंडर कर दिया। इन डकैतों की टीम से लोहा लेने से लिये खुद ही प्रीति चंबल के बीहड़ों में उतर जाती थी।

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ऐसे बनी लेडी सिंघम
इसके बाद उन्होने राजस्थान के बूंदी जिले में कई ऐसे गिरोह का खुलासा किया था, जो छोटी बच्चियों को देह व्यापार के धंधे में धकेला करते थे, प्रीति चंद्रा ने उन सभी आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया था, इसके अलावा उन्होने कई नाबालिग बच्चियों को देह व्यापार के धंधे से बाहर निकाला, जिसके बाद लोग उन्हें लेडी सिंघम के नाम से भी बुलाने लगे।