संकष्टी चतुर्थी- बप्पा तथा शनिदेव की कृपा पाने का अद्भुत संयोग, सूर्यास्त के बाद जरुर करें ये काम

चैत्र महीने में पड़ने वाली इस संकष्टी चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, इस दिन सच्चे मन से गणपति की पूजा करने से वो जल्द प्रसन्न हो जाते हैं, भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

New Delhi, Mar 11 : चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी आज 11 मार्च के दिन है, इस दिन भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है, इस दिन बप्पा के साथ-साथ शनि देव की कृपा पाने का भी शुभ संयोग बन रहा है, ज्योतिष में संकष्टी चतुर्थी के लिये कई उपायों के बारे में बताया गया है, संकष्टी चतुर्थी के दिन इन उपायों को करने से बप्पा के साथ शनि देव की कृपा भी बरसेगी।

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तेल का दीपक जलाएं
चैत्र महीने में पड़ने वाली इस संकष्टी चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, इस दिन सच्चे मन से गणपति की पूजा करने से वो जल्द प्रसन्न हो जाते हैं, भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं, सभी कामों में सफलता हासिल करते हैं, shani (2) संकष्टी चतुर्थी शनिवार के दिन होने के कारण आज के दिन बप्पा के साथ शनि देव का आशीर्वाद भी पाया जा सकता है, शनि देव को प्रसन्न करने के लिये आज के दिन सूर्यास्त के बाद शनि देव के मंदिर में उनकी पूजा करें, तेल की दीया जलाएं, काले तिल अर्पित करें।

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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी, चंद्रोदय समय
हिंदू पंचांग के मुताबिक चैत्र संकष्टी चतुर्थी का आरंभ 10 मार्च रात 9.42 बजे से शुरु होकर 11 मार्च रात 10.05 मिनट तक रहेगी, ganesh ji ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक शनिवार 11 मार्च के दिन संकष्टी चतुर्थी की पूजा की जाएगी। आज चांद निकलने का समय रात 10.03 बजे है।

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भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित होती है, इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा की जाती है, चैत्र महीने में आने वाली चतुर्थी को भालचंद्र चतुर्थी के नाम से जाना जाता है, ऐसी मान्यता है कि Ganesh 5 नियमपूर्वक इसका व्रत रखने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है, इतना ही नहीं कहते हैं कि आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से धन, यश, वैभव आदि की प्राप्ति होती है, व्यक्ति के सभी विध्न दूर होते हैं, सुख-समृद्धि आती है।