राहुल गांधी की संसद सदस्यता छीन गई, बीजेपी ओबीसी अपमान को मुद्दा बनाने में जुटी

एक्सपर्ट के मुताबित सूरत कोर्ट के फैसले के आधार पर लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर उनकी संसदीय सीट को रिक्त घोषित कर सकता है।

New Delhi, Mar 24 : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुजरात के एक कोर्ट द्वारा 2019 के मोदी सरनेम केस में दोषी करार दिये जाने तथा 2 साल की सजा सुनाये जाने के बाद अब उनकी संसद सदस्यता खत्म हो गई है, कुछ विशेषज्ञों का कहना था कि दोषी करार दिये जाते ही केरल की वायनाड सीट से संसद सदस्यता स्वतः ही अयोग्यता के दायरे में आ गई है, हालांकि कुछ का कहना था कि अगर राहुल गांधी दोषसिद्धि के फैसले को पलटवाने में सफल हो जाते हैं, तो अयोग्यता से बच सकते हैं।

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30 दिन की मोहलत
कुछ कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार भले ही राहुल गांधी को जमानत मिल गई हो, उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिये 30 दिन की मोहलत भी दी गई हो, Rahul gandhi लेकिन कोर्ट के फैसले की वजह से उनकी संसद सदस्यता पर स्वतः अयोग्यता का खतरा पैदा हो गया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का धारा 8(3) के मुताबिक जिस क्षण किसी संसद सदस्य को किसी भी अपराध में दोषी करार दिया जाता है, कम से कम 2 साल कैद की सजा सुनाई जाती है, वो संसद सदस्य रहने के लिये अयोग्य हो जाता है।

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चुनाव की घोषणा करेगा
एक्सपर्ट के मुताबित सूरत कोर्ट के फैसले के आधार पर लोकसभा सचिवालय राहुल गांधी को अयोग्य घोषित कर उनकी संसदीय सीट को रिक्त घोषित कर सकता है, इसके बाद निर्वाचन आयोग इस सीट पर खास कर चुनाव की घोषणा करेगा। COURT चर्चित वकील तथा बीजेपी सांसद महेश जेठमलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कानून के अनुसार वो अयोग्य हैं, लेकिन इस फैसले की जानकारी स्पीकर को दी जानी होगी, लेकिन आज की तारीख में वो अयोग्य हैं।

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अयोग्य हो चुके
वरिष्ठ वकील तथा पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल जो पहले कांग्रेस में ही थे, उन्होने कहा कि 2 साल की सजा सुनाये जाने के साथ ही राहुल गांधी सांसद के तौर पर स्वतः अयोग्य हो चुके हैं, कपिल सिब्बल ने कहा कि court अगर कोर्ट सिर्फ सजा को मुल्तवी करती है, तो वो पर्याप्त नहीं होगा, उन्हें दोषी करार दिये जाने को भी निलंबित करना होगा, उस पर स्थगनादेश जारी करना होगी, राहुल गांधी संसद सदस्य रह सकते हैं, अगर उन्हें दोषी करार दिये जाने पर स्थगनादेश जारी किया जाए।