पिता को कैंसर, दिल्ली क्रिकेट की राजनीति से भी जूझे, खास है 19 वर्षीय सुयश शर्मा की स्टोरी

पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके से आने वाले 19 वर्षीय सुयश ने आरसीबी के खिलाफ डेब्यू मैच में 30 रन देकर 3 विकेट हासिल किये, जिसकी वजह से केकेआर 81 रन से जीतने में सफल रही।

New Delhi, Apr 08 : आरसीबी के खिलाफ केकेआर ने शानदार जीत हासिल की, हालांकि इस मैच में पूरा लाइमलाइट शार्दुल ठाकुर लूट ले गये, जिन्होने 29 गेंदों में 68 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसके लिये उनकी खूब तारीफ हुई, हालांकि इस मैच में केकेआर की ओर से एक और खिलाड़ी तारीफ का हकदार था, स्पिन गेंदबाज सुयश शर्मा ने अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया, इस युवा गेंदबाज की भी तारीफ हो रही है।

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मध्यम वर्गीय परिवार से नाता
सुयश शर्मा साधारण परिवार से नाता रखते हैं, उनका कोई गॉडफादर नहीं है, हालांकि इसके बावजूद उन्होने यहां तक का सफर तय किया है। पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके से आने वाले 19 वर्षीय सुयश ने आरसीबी के खिलाफ डेब्यू मैच में 30 रन देकर 3 विकेट हासिल किये, जिसकी वजह से केकेआर 81 रन से जीतने में सफल रही।

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तमाम परेशानियों को झेला
साधारण परिवार से नाता रखने वाले सुयश के लिये कई परेशानियां आई, उनके पिता कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, हालांकि उनके हौंसले को नहीं तोड़ सकी, दायें हाथ के लेग स्पिनर सुयश सर्मा ने क्रिकेट करियर की शुरुआत दिल्ली में क्लब मैच खेलकर की थी, ट्रायल्स में प्रभावित होने के बाद चंद्रकांत पंडित की केकेआर टीम ने इस खिलाड़ी की तलाश की, उन्हें आईपीएल 2023 के लिये अनुबंध सौंपा। दिल्ली के कोच रणधीर सिंह ने कहा सुयश के लिये यात्रा आसान नहीं रही है, वो दिल्ली के पूर्व स्पिनर सुरेश बत्रा का शिष्य था, उनके क्लब के लिये खेलता था, कोविड-19 की वजह से हमने सुरेश जी को खो दिया, फिर सुयश मेरे पास आया, क्योंकि वो मैच प्रैक्टिस चाहता था, मैंने डीडीसीए लीग में अपने मद्रास क्लब तथा ओपन टूर्नामेंट में रन स्टार क्लब में उसे खेलने का मौका दिया।

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पारिवारिक परेशानी
पिछला एक साल सुयश के लिये बेहद परेशानी वाला रहा है, क्योंकि वो संपन्न परिवार से नहीं है, उसके पिता कैंसर से जूझ रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि वो हमेशा दिल्ली के पूर्व स्पिनर और मुंबई इंडियंस के मौजूदा मैनेजर राहुल सिंघवी का कर्जदार रहेगा, जिन्होने उसके पिता के इलाज में काफी मदद की। उन्होने कहा मैंने उसे कहा कि अगर उसे कोई मदद की जरुरत है, तो हम एम्स में भी उन्हें उन्हें दिखा सकते हैं, लेकिन राहुल की बदौलत वो अपने पिता को इलाज के लिये मुंबई ले गया, वहां मुंबई इंडियंस के ट्रायल्स में शामिल हुआ, उन्होने कहा कोलकाता, चेन्नई या मुंबई की तरह दिल्ली का क्लब क्रिकेट उतना लुभावना नहीं है, क्योंकि क्लब स्तर पर खिलाड़ी को पैसे नहीं मिलते हैं, लेकिन उसने अपनी मेहनत से जगह बना ही ली।