इतने बदनाम हुए हम तो इस ज़माने में, लगेंगी आप को सदियां हमें भुलाने में

Amitabh Srivastav

इतने बदनाम हुए हम तो इस ज़माने में, लगेंगी आप को सदियां हमें भुलाने में

मंचीय कविता चुटकुलों में उनकेे दौर में ही बदलने लगी थी लेकिन नीरज की मौजूदगी कवि सम्मेलनों और मुशायरों की साख बचा लेती थी। उस मोर्चे के दिग्गजों में थे…