कभी मां संग बेचते थे चूड़ी, सपने के लिए छोड़ दी टीचर की नौकरी, ऐसे पास की सिविल सेवा परीक्षा

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कभी मां संग बेचते थे चूड़ी, सपने के लिए छोड़ दी टीचर की नौकरी, ऐसे पास की सिविल सेवा परीक्षा

रमेश घोलप ने डीएड किया, ताकि वो टीचर बन सके, अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सके, साल 2009 में बतौर शिक्षक काम भी करने लगे थे, लेकिन टीचर की…