जनवादी ? या वहशी !

K Vikram Rao

जनवादी ? या वहशी !

धरा पर कहीं भी अन्याय हो तो साम्यवादी तथा समाजवादी भर्त्सना में हमेशा आवाज उठाया करते थे|अब सब कहां हैं ? क्या अंधे हो गए, गूंगे भी ? New Delhi,…
आज यह कहना कठिन होगा कि कौन कितना बड़ा सामंत है ?

Surendra Kishore

आज यह कहना कठिन होगा कि कौन कितना बड़ा सामंत है ?

‘एक सामंती के नाम पर पार्क का नाम ? मैं यह सब चलने नहीं दूंगा।’ तब तक मैंने भी कतिपय समाजवादियों का असली चेहरा नहीं देखा था, इसलिए मैंने भी…
जॉर्ज समाजवादी आंदोलन के आखिरी कड़ी थे, जो दल का प्रतिनिधित्व करने को बाध्य हुए

Chanchal

जॉर्ज समाजवादी आंदोलन के आखिरी कड़ी थे, जो दल का प्रतिनिधित्व करने को बाध्य हुए

जॉर्ज समाजवादी आंदोलन कि आखरी कड़ी हैं (शायद) जिसने 77 में समाजवादी आंदोलन को विसर्जीत किया और आंदोलन से खिसक कर, एक दल का प्रतिनिधित्व करने को बाध्य हुए। New…
आंदोलन और दल के बीच एक फासला होता है उसे समझना जरूरी है

Chanchal

आंदोलन और दल के बीच एक फासला होता है उसे समझना जरूरी है

डॉ लोहिया का बापू से जो रिश्ता है वो अद्भुत था। डॉ लोहिया बापू के अन्धभक्त नही थे, जम कर बहस करते थे, कांग्रेस दल कहाँ क्या कर रही है…