Categories: indiaspeak

राहुल गांधी के कितने ‘वर्जन’ आने बाकी हैं ? कांग्रेस थकती नहीं है लॉन्च कर-कर के !

राहुल गांधी अब जिम्मेदारी लेने की बात करते हैं। कहते हैं कि वो प्रधानमंत्री बनने के लिए भी तैयार हैं। जैसे उनके कहने भर से प्रधानमंत्री का पद उनको दे दिया जाएगा।

New Delhi, Oct 08: दो लोग मोहल्ले के बात कर रहे थे, कानों ने खुद ऊपर उठकर उनको सुनना शुरू कर दिया। बात करने वाले बहुत ज्यादा ज्ञानी नहीं थे, उनकी बातचीत का विषय वही था जिस पर हिंदुस्तानी बात करते समय खुद को चाणक्य समझता है। राजनीति, जी हां राजनीति उनका विषय था और मुद्दा थे राहुल गांधी। बहरहाल उनमें से एक बोला, राहुल बाबू आजकल बहुत तेवर दिखा रहे हैं। लगता है कि अब कोई कमाल करके दिखाएगा राजीव का लड़का। दूसरा वाला असमंजस में आकर बोला-यार इसका कुछ ठीक नहीं है, राजनीति को गंभीरता से लेता ही नहीं है। पार्टी वाले भी इसके पीछे पड़े रहते हैं, बार बार लॉन्च करते रहते हैं, क्या पार्टी थकती नहीं है।

मोहल्ले के इन दो लोगों की बातों में कोई बहुत बड़ा गूढ़ मर्म नहीं था, ये आम लोगों की भाषा का संवाद है, वो इसी तरह से अपनी बातों को व्यक्त करते हैं। इनकी बात सुनकर इतना समझ आया कि ये लोग भी राहुल गांधी के नए नए वर्जन और लॉन्चिंग से परेशान हैं। उनको लग रहा है कि अगर राहुल की राजनीति में दिलचस्पी नहीं है तो पार्टी वाले क्यों पीछे पड़े हैं उनको प्रमोट करने के लिए। येे बात समझने वाली है कि आम जनता अगर इस तरह से बात कर रही है तो ये कांग्रेस के लिए एक संकेत है। कांग्रेस पर वैसे भी आरोप लगते रहते हैं कि वो जनता से कट गई है। जनता की बातों को सुन नहीं पा रही है।

हाल के दिनों में राहुल गांधी के बयानों पर ध्यान दिया जाए तो लगता है कि उनका ये नया वर्जन है। वो जब भी छुट्टियों से लौट कर आते हैं तो उनका नया वर्जन सामने आता है। जैसे आईफोन एप्पल के नए वर्जन पेश करता रहता है। सवाल ये है कि राहुल के कितने वर्जन आने बाकी है। इस बार वो थोड़ा गंभीर लग रहे हैं। मुद्दों को उठा रहे हैं। मोदी पर व्यक्तिगत हमला भी नहीं कर रहे हैं। तो इस से कांग्रेस के साथ साथ आम जनता को भी उम्मीद बंधी है कि शायद अब राहुल बाबा नहीं रहे, वो बाबा की स्टेज को पार कर चुके हैं। लेकिन उम्मीदों पर कुठाराघात करना शायत राहुल की आदत बन गई है।

अपने नए अवतार में उन्होंने कुछ बाते तो बहुत अच्छी कहीं, लेकिन वंशवाद को लेकर जैसे ही उन्होंने कहा कि भारत में वंशवाद हमेशा से था, देश इसी तरह से चलता है, तो लग गया कि राहुल का परिपक्व वर्जन अभी नहीं आया है। वो अभी भी खुद को तलाश कर रहे हैं। कांग्रेस को अभी और कोशिश करनी होगी। खुद राहुल को सोचना होगा कि वो क्या बोल रहे हैं और क्यों बोल रहे हैं। वंशवाद की परछाई के साथ चलने वाला नेता इस तरह का बयान देता है तो आम जनता को यही लगता है कि इसका कुछ ठीक नहीं है, ये कब क्या बोल दे कुछ पता ही नहीं है। तो अगली बार जब मोहल्ले के वही दो कुछ नई बात करेंगे तो समझ आएगा कि राहुल का ये वर्जन कितना असरदार है।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-3

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

11 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

11 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

11 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

11 months ago