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भारत के इस प्लान की चीन को भनक नहीं होगी, मोदी की रणनीति कुछ अलग ही है

डोकलाम विवाद के बाद फिर से चीन कोई खतरा न बन जाए इसके लिए पीएम मोदी ने सेना के साथ एक प्लान बनाया है। इसकी भनक चीन को नहीं होगी।

New Delhi, Oct 14: भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद से कुछ अहम फायदे भारत को हुए हैं। विवाद तो खत्म हो गया लेकिन इस विवाद ने एक सीख दे दी है कि चीन पर कभी भरोसा मत करो। जिस तरह से अभी कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि चीनी सेना फिर से डोकलाम में दिखाई दी है उस से साफ है कि वो भरोसे के लायक नहीं है। इसी को देखते हुए अब भारत ने भी अपनी रणनीति बदल दी है। पीएम मोदी की तरफ से जो निर्देश दिए गए हैं उनके मुताबिक अब भारत सीमा पर ज्यादा चौकन्ना हो गया है। भारतीय सेनाएं डोकलाम विवाद के बाद से चीनी सीमा पर ज्यादा मुस्तैदी बरत रही हैं। ये तो रणनीति का पहला चरण है। इसके आगे के प्लान के बारे में चीन ने सोचा भी नहीं होगा।

डोकलाम विवाद क्यों शुरू हुआ था। चीन डोकलाम में सड़क का निर्माण कर रहा था। ये निर्माण भारत की सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक था। चीन की पहुंच भारत के बेहद करीब तक हो जाती। इसी कारण भारतीय सेनाओं ने सड़क का निर्माण रोक दिया। जिसके बाद ये पूरा विवाद शुरू हुआ था। खैर वो पुरानी बात है, अब विवाद खत्म हो गया है लेकिन खतरा बरकरार है। इस खतरे को दूर करने के लिए भारत ने सीमाओं की रक्षा के लिए सड़क निर्माण का काम शुरू करने का फैसला किया है। भारत औऱ चीन से लगती लगभग 4 हजार किलोमीटर लंबी सीमा पर भारत आधारभूत संरचना को बढ़ाने वाला है। विवादित इलाके के पास भारत ने सड़क निर्माण शुरू भी कर दिया है।

सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने का ये फैसला आर्मी कमांडरों की कॉन्फ्रेंस में लिया गया है। इसके तहत भारत और चीन सीमा से लगे नीति, लिपुलेख, थांगला 1 को सड़क मार्ग से जोड़ने का काम किया जाएगा। ये काम 2020 तक पूरा होने की संभावना है। इस काम के लिए इसमें सड़क सीमा संगठन को अतिरिक्त धन देने का भी फैसला लिया गया है। ये खबर चीन के लिए किसी झटकेे से कम नहीं है। जिस काम को लेकर डोकलाम विवाद शुरू हुआ था, वही काम अब भारत कर रहा है लेकिन सीमाओं के अंदर रहकर। चीन को इस पर आपत्ति हो सकती है, लेकिन वो कुछ नहीं कर सकता है। अपनी सीमा के अंदर रहकर सुरक्षा के लिए लिहाज से हर जरूरी कदम भारत उठा सकता है।

केवल इतना ही नहीं है. भारत ने सेना के लिए हथियारों और गोला बारूद की खरीद को भी प्राथमिकता पर रखा है। बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सीमा पर गई थीं। वहां पर चीनी सैनिकों को नमस्ते किया था। जिसकी काफी चर्चा हुई थी। रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया है कि सेना को किसी भी चीज की कमी नहीं होने दी जाएगी. सेना को आधुनिक बनाना उनका लक्ष्य है। पीएम मोदी ने भी कई बार इस बात को दोहराया है कि देश की सुरक्षा केे साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। डोकलाम विवाद के दौरान पीएम मोदी सेना के साथ खड़े दिखाई दिए थे। वहीं चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर डोकलाम विवाद सुलझाने में भी पीएम मोदी की काफी अहम भूमिका थी। उन्होंने ही इस मुद्दे को सुलझाने की पहल की थी। जिसके बाद चीन ने अपने कदम वापस खींचे थे।  

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