Categories: indiaspeak

राहुल गांधी तो शेर और शायरी करने लगे, काफी कुछ सीख कर आए हैं इस बार

राहुल गांधी बदले बदले से दिख रहे हैं। जब तक वो अपनी टीम का कहा हुआ करते हैं तो ठीक रहता है, जैसे ही अपने मन से कुछ करते हैं तो पोल खुल जाती है।

New Delhi, Oct 14: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उम्मीदों का ऐसा रिश्ता एक ऐसी कड़ी है जिस से कांग्रेसी जुड़े हुए है। उम्मीदों की खिड़की जो राहुल कभी खोलते हैं तो कभी बंद कर देते हैं उस से भी कांग्रेसी जोश और हताशा में आते रहते हैं। कई बार राहुल को लॉन्च किया गया है, विपक्ष के मुताबिक। राहुल की छुट्टियां, राहुल के हॉलीडे, नानी के घर जाना तो कभी अमेरिका जाना। ये तमाम बातें ऐसी हैं जो कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन जाती है। राहुल जो कर रहे हैं उसमें कुछ गलत नहीं है, भारतीय राजनीति में नेताओं द्वारा इस तरह के व्यवहार की उम्मीद कम ही की जाती है। राहुल को लेकर कई बार ये कहा गया है कि वो अब बदल गए हैं। चलिए देखते ैहं कि वो कितने बदले हैं।

वर्तमान में राहुल गांधी को जो रूप दिखाई दे रहा है वो कांग्रेसियों की उम्मीद से भी हटकर है। कांग्रेसियों की आशा केंद्र राहुल इस बार कुछ बदले बदले तो जरूर दिख रहे हैं। गुजरात में वो जिस तरह से प्रचार कर रहे हैं। पार्टी का बोझ अपने कंधों पर लेकर चल रहे हैं। वो सारे काम कर रहे हैं जो वो पहले कभी नहीं करते थे मंदिरों में जा रहे हैं। नवरात्र के दौरान गरबा तक किया था। गौर करिए कि ये वही राहुल हैं जो कहते थे कि मंदिरों में जाने वाले लोग लड़कियां छेड़ने जाते हैं। अब राहुल खुद मंदिरों का चक्कर लगा रहे हैं। यानी अब वो बदलाव को अंगीकार कर रहे हैं। राहुल कांग्रेस की तुष्टिकरण की छवि को तोड़ना चाह रहे हैं। ये बदलाव कांग्रेस के दृष्टिकोण से काफी अहम है।

इतना ही नहीं अब राहुल की बोलने की शैली में निखार आया है, उनको दिए जाने वाला भाषण भी पहले से बेहतर हुआ है। वो अच्छे से बोल रहे हैं शब्दों की गहराई को समझते हैं। कहां रुकना है, कहां जोर डालना है ये वो समझने लगे हैं। अपने ट्वीटर हैंडल से शेर और शायरी का इस्तेमाल भी करने लगे हैं। इसी का असर है कि उनके भाषणों में पैनापन आया है। ये बीजेपी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। मगर राहुल अभी इतने खतरनाक नहीं हुए हैं कि बीजेपी को उनसे परेशानी होने लगे। इसका कारण भी खुद राहुल ही हैं। जब तक वो पढ़ा हुआ भाषण देते हैं, जो शायद पहले से रिहर्सल करने के बाद देते हैं तब तक तो ठीक रहता है।

जहां वो अपने मन से कुछ बोलना शुरू करते हैं तो लगता है कि ऊपरी सजावट के नीचे तो खोखलापन है। कुछ उदाहरण आपके सामने हैं, यूपी चुनाव में किसान सभा, खाट सभाओं में वो माहौल बना रहे हैं। वहां तक प्रशांत किशोर के कहे पर चल रहे थे। सर्जिकल स्ट्राइक पर खून की दलाली वाला बयान उन्होंने बिना पीके की सलाह के दिया था। नतीजा सामने है। गुजरात में भी सब ठीक चल रहा है। वो नपे तुले शब्दों में बीजेपी पर हमला कर रहे हैं। अचानक से वो संघ की शाखाओं में महिलाओं के कपड़ों पर बयान दे देते हैं. जाहिर है कि ये उनके किसी भाषण में लिखा नहीं था, वो अपने मन से बोल गए और बीजेपी को मुद्दा मिल गया। तो बदलाव तो राहुल गांधी में आया है लेकिन अभी उनको और तराशे जाने की जरूरत है।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-3

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago