New Delhi, Dec 26: मोदी सरकार के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल किसी ने खड़ी की है तो उनके ही मंत्रियों ने की है, एक उदाहरण खोजने जाइए तो आपको कई मिल जाएंगे, केंद्रीय मंत्रियों के बयानों से विवादों का जो पिटारा खुलता है, उसके बाद सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो जाता है। इस कड़ी में लेटेस्ट नाम है केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े का, जिन्होंने एक बयान के जरिए मोदी सरकार के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। हालांकि उनका बयान बीजेपी की राजनीति के मुताबिक ही है, लेकिन इस से वोटबैंक की राजनीति प्रभावित हो सकती है। धर्मनिरपेक्षता को लेकर अनंत कुमार का ये बयान विवादों का केंद्र बन गया है। अनंत कुमार ने संविधान में बदलाव तक की बात कर दी, इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि जनता ने संविधान बदलने के लिए सरकार को चुना है।
अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि जो लोग धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील होने का दावा करते हैं उन्हे अपने मां बाप के खून के बारे में पता नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई खुद को मुस्लिम या फिर ईसाई कहता है तो ये उनके लिए गर्व की बात है, उनको अपने धर्म के बारे में पता तो है, लेकिन जो खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं उनका कोई ईमान नहीं होता है। अनंत कुमार ने कहा कि ये ठीक है कि संविधान में हमें धर्मनिरपेक्ष देश बताया गया है, हम ये कहते भी हैं, लेकिन संविधान में पहले भी बदलाव हो चुके हैं, हम संविधान में संशोधन कर सेक्यूलर शब्द हटा सकते हैं। हेगड़े के इस बयान से हंगामा खड़ा हो गया है, धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करने वालों के लिए ये बड़ा मौका है मोदी सरकार पर हमला करने का।
अनंत कुमार हेगड़े के बयान का सबसे अहम पार्ट ये है कि उन्होंने कहा जनता ने हमे संविधान बदलने के लिए सत्ता सौंपी है, हम संविधान में बदलाव करके सेक्युलर शब्द को हटा सकते हैं। सेक्युलर लोग ये नहीं जानते हैं कि उनका खून क्या है। धर्म और जाति से जुड़़ाव पर हम लोग गर्व महसूस करते हैं, लेकिन सेक्युलर लोगों का कोई माईबाप नहीं होता है। कर्नाटक में हेगड़े के बयान पर सियासत शुरू हो गई है। सबसे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन पर हमला किया, कहा कि वो पंचायत पद के लायक भी नहीं है। उन्होंने संविधान को पढ़ा ही नहीं है। इस तरह के बयान दे कर वो साबित कर रहे हैं वो मंत्री पद के लायक नहीं है।
अनंत कुमार हेगड़े के बयान के बाद कांग्रेस और दूसरे दलों की तरफ से हमला किया जा रहा है। वैसे ये भी कहा जा रहा है कि ये बीजेपी की चुनावी रणनीति हो सकती है। अनंत कुमार ने कुछ समय पहले ही टीपू सुल्तान को हिंदू विरोधी करार दिया था। बता दें कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार टीपू सुल्तान की जयंती को मनाती है. इसका विरोध बीजेपी की तरफ से किया जाता रहा है। राज्य में 2018 में चुनाव होने वाले हैं, बीजेपी ने इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। टीपू जयंती पर और सेक्युलर जैसे बयानों बीजेपी एक माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. फिर से कांग्रेस को तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पार्टी साबित करने की कोशिश की जा रही है। गुजरात में राहुल गांधी ने मंदिरों का दौरा किया था। कर्नाटक में वो बीजेपी के इस हमले से कैसे निपटेंगे ये देखना रोचक होगा।
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