New Delhi Dec 27 : एक जमाने में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन एक साथ काम किया करते थे। लेकिन, 1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद छोटा राजन के दिल में दाऊद इब्राहिम के लिए नफरत पैदा हो गई। एक देशद्रोही बन गया जबकि दूसरा देशभक्त गैंगस्टर बनने की राह पर चल पड़ा। दोनों के गैंग की दुश्मनी काफी पुरानी है। ना तो दाऊद छोटा राजन को मारने का कोई मौका छोड़ना चाहता है और ना ही छोटा राजन दाऊद को टपकाने में कोई कसर छोड़ना चाहता है। हालांकि इस वक्त छोटा राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। लेकिन, खुफिया विभाग को जानकारी मिली है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम तिहाड़ जेल के भीतर ही छोटा राजन को मारने की साजिश रच रहा है।
इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दाऊद के गुर्गे दिल्ली के लोकल गुंडों के संपर्क में आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक नीरज बवाना गैंग के लोग डी कंपनी के इशारे पर तिहाड़ जेल के भीतर ही छोटा राजन का गेम बजा सकते हैं। हालांकि इस गैंग का सरगना नीरज बवानिया भी इस वक्त तिहाड़ में ही कैद है। खुफिया विभाग का जानकारी मिली है कि नीरज बवानिया गैंग के गुर्गे ने शराब के नशे में इस बात को कबूल किया है कि डी कंपनी तिहाड़ में छोटा राजन को मरवाना चाहती है। इस खबर के बाद छोटा राजन की सिक्योरिटी को और बढ़ा दिया गया है। राजन की सुरक्षा की दोबारा से समीक्षा की गई। इसके साथ ही राजन की सुरक्षा में लगे अफसरों को भी ये खबर दे दी गई है कि उसकी जान खतरे में है।
हालांकि जेल प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि जेल के भीतर छोटा राजन पर हमला करना आसान नहीं होगा। वो भी नीरज बवानिया के लिए तो और भी मुश्किल होगा। दरसअल, नीरज बवानिया की गिनती दिल्ली के दुर्दांत अपराधियों में होती है। नीरज बवानिया को इस वक्त सबसे अलग बने हाई रिस्क वार्ड मे रखा गया है। जबकि छोटा राजन जेल नंबर दो में है। जो सबसे आखिरी में पड़ती है। हालांकि नीरज बवानिया को अभी हाल ही में मेन बैरक से हाई रिस्क वार्ड में शिफ्ट किया गया था। उस वक्त उसकी बैरक से मोबाइल फोन भी बरामद किया गया था। माना जा रहा है कि इसी फोन के जरिए नीरज बवानिया से डी कंपनी ने संपर्क साधा होगा। दरसअल, डी कंपनी को लगता है कि जेल में छोटा राजन को मारने का काम लोकल गैंग आसानी से कर सकता है या फिर करा सकता है।
इससे पहले भी दाऊद इब्राहिम छोटा राजन को तिहाड़ जेल में ही मरवाने की प्लानिंग कर चुका है। जिसे दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नाकाम कर दिया था। बात इसी साल जून की है। जब डी कंपनी ने छोटा शकील के गुर्गे जुनैद चौधरी के जरिए तिहाड़ जेल के भीतर ही छोटा राजन का गेम बजाने की सुपारी दी थी। जुनैद ने इस बात का खुलासा उस वक्त किया था जब दिल्ली पुलिस ने उसे पाकिस्तान मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतेह की हत्या की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जुनैद व्हाट्सअप के जरिए लगातार छोटा शकील के संपर्क में रहता था। छोटा शकील दाऊद इब्राहिम का राइट हैंड है। दाऊद इब्राहिम का पूरा काम छोटा शकील ही संभालता है। जुनैद छोटा शकील के जरिए ही दाऊद के हुक्म की तामील कराता था। लेकिन, दाऊद की वो साजिश भी नाकाम हो गई थी।
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