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अंदर की बात: अमित शाह का एक फोन और नितिन पटेल आ गए लाइन पर

गुजरात में नितिन पटेल की नाराजगी की खबरें आई और इधर अमित शाह ने एक फोन किया, जिसके बाद सब ठीक हो गया, हार्दिक पटेल देखते रह गए।

New Delhi, Jan 01: हार्दिक पटेल गुजरात चुनाव में कांग्रेस के साथ थे, कांग्रेस की हार पर पहले तो उनको यकीन ही नहीं हुआ, उसके बाद ईवीएम पर दोष लगाया, जब कहीं से कोई चर्चा नहीं मिली तो वो बीजेपी को तोड़ने में जुट गए, डिप्टी सीएम नितिन पटेल की नाराजगी की खबरें आई तो हार्दिक पटेल ने खुल कर कहा कि अगर आपको बीजेपी में सम्मान नहीं मिल रहा है तो कांग्रेस में शामिल करवा दूं। यानि हार्दिक इतने बड़े हो गए है कि वो इस तरह की सेटिंग करा सकते हैं। इस बयान के साथ हार्दिक ने अपनी ही पोल खोल के रख दी है। हालांकि नितिन पटेल की नाराजगी का मुद्दा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के एक फोन से शांत हो गया। हालांकि कांग्रेस और हार्दिक ने इस मौके का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की थी लेकिन शाह के आगे वो फेल हो गए।

दरअसल गुजरात में विभागों के बंटवारे को लेकर नितिन पटेल नाराज हो गए थे, ऐसी खबरें आ रही थी कि पटेल और रुपाणी के बीच में इस मुद्दे पर अनबन हो गई है। उनकी नाराजगी की खबरें बीजेपी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती थी. ऐसे में अमित शाह सामने आए और उन्होंने नितिन पटेल की नाराजगी को मिनटों में दूर कर दिया। शाह ने नितिन पटेल को फोन किया और उनसे कहा कि वो जाकर काम संभालें, उनकी मागों पर गौर किया जा रहा है। इसके बाद गांधीनगर आ कर पटेल ने पदभार संभाल लिया। नितिन पटेल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने उन पर भरोसा जताया है. उसके बाद पदभार संभाल लिया है। पटेल ने बताया कि नाराजगी की खबरें बेबुनियाद हैं।

नितिन पटेल ने कहा कि वो कभी भी पार्टी छोड़ने के बारे में विचार नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा केवल इतनी थी कि जो मंत्रालय वो पहले से देख रहे थे, वही फिर से उनको दे दिए जाएं। पटेल ने कहा कि वे 40 साल से बीजेपी में बतौर कार्यकर्ता काम कर रहे हैं, इसी को देखते हुए पार्टी ने उनको डिप्टी सीएम बनाया, तो ऐसे में नाराजगी की कोई बात नहीं है। बता दें कि हार्दिक पटेल ने इस मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश की, पाटीदार समाज के नाम पर नितिन पटेल से बीजेपी छोड़ने तक की बात कर दी. कहा कि अगर वो कहें तो कांग्रेस से बात कर सकते हैं। लेकिन हार्दिक की ये चाल नाकाम हो गई।

बता दें कि नितिन पटेल नई सरकार के गठन से पहले गुजरात में शहरी विकास, वित्त, पेट्रोकेमिकल्स, टाउन प्लानिंग जैसे विभाग थे। लेकिन इस बार ये सब ले लिए गए और उनको केवल सड़क, निर्माण और स्वास्थ्य विभाग दिया गया है. गृह विभाग रुपाणी और पटेल दोनों अपने पास रखना चाहते थे। लेकिन अमित शाह के फोन ने सारी परेशानी दूर कर दी है। अब नितिन पटेल मान गए हैं और पदभार संभाल लिया है। बता दें कि गुजरात में विजय रुपाणी और नितिन पटेल को बीजेपी के राम लक्ष्मण कहा जाता है। चुनाव में दोनों ने साथ मिलकर कांग्रेस और हार्दिक पटेल के कई हमलों को बेअसर किया था। बता दें कि बीजेपी को गुजरात में 99 सीटें मिली थीं, हालांकि बाद में एक निर्दलीय के समर्थन से 100 सीटें हो गईं।

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