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कमल हासन कौन होते हैं रजनीकांत को खारिज करने वाले, भगवा से इतनी नफरत क्यों

कमल हासन ने कहा कि रजनीकांत की राजनीति में भगवा की झलक दिखाई देती है, इसलिए उनके साथ गठबंधन नहीं हो सकता है। वो होते कौन हैं रजनी को खारिज करने वाले

New Delhi, Feb 12: सियासत में एक नया कोण बन रहा है, ये कोण दक्षिण भारत में पनप रहा है, खास बात ये है कि इस में दो सुपरस्टार हैं, जो राजनीति में धमाका करने की तैयारी कर रहे हैं, इनकी फिल्मों को देखने के लिए दक्षिण भारत में छुट्टी घोषित कर दी जाती है, भीड़ का रेला उमड़ पड़ता है, वैसी ही उम्मीद सियासी पारी के लिए भी कर रहे हैं।  रजनीकांत और कमल हासन दोनों ही राजनीति में आने वाले हैं, दोनों दक्षिण भारत के एक राज्य की सत्ता को प्रभावित या फिर कब्जा करने के सपने देख रहे हैं। तमिलनाडु की राजनीति में जयललिता के जाने के बाद जो शून्य उत्पन्न हुआ है ये दोनों उसे भरने की कोशिश कर रहे हैं। दोनों की राह एक है, मंजिल एक है, लेकिन तरीके अलग हैं।

सवाल ये उठता है कि जब दोनों की मंजिल एक है तो क्या दोनों साथ आ सकते हैं। क्या रजनीकांत और कमल हासन गठबंधन करके एख नी राजनीतिक शक्ति का निर्माण नहीं कर सकते हैं। इस सवाल का जवाब अब मिल गया है, और जवाब दिया है कमल ने, उनके जवाब ने एख बात साफ कर दी है कि वो भी देश के मौजूदा राजनीतिक हालात के मुताबिक ह चलने को तैयार हैं, कमल हासन ने कहा कि रजनी की राजनीति में भगवा की झलक मिलती है इसलिए उनके साथ गठबंधन नहीं हो सकता है। हालांकि कमल हासन ने ये भी कहा कि केवल भगवा की झलक दिखाई देती है, वो उम्मीद करते हैं कि ऐसा हकीकत में ना हो।

कमल हासन ने ये बात अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करने के दौरान कही, उनका कहना था कि वो और रजनी दोस्त हैं। हमारे इरादे शायद एक जैसे हैं, लेकिन दोस्ती और राजनीति दो अलग चीज़ें हैं. ऐसे में नहीं लगता है कि हम एक-दूसरे के साथ फिलहाल काम कर पाएंगे। कमल हासन के बयान में सबसे अहम था भगवा झलक की बात, अपने इस बयान से हासन ने साफ कर दिया कि वो बीजेपी के साथ किसी भी कीमत पर काम नहीं कर सकते हैं, बीजेपी के अलावा वो किसी भी दल के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं, जिस तरह से अरविंद केजरीवाल राजनीति कर रहे हैं उसी राह पर हासन भी चलते दिखाई दे रहे हैं।

इसके अलावा कमल हासन कौन होते हैं रजनीकांत को खारिज करने वाले, रजनी की राजनीति में भगवा की झलक दिखाई देती है तो क्या वो अछूत हो गए हैं, भगवा से इतनी नफरत क्यों है कमल हासन को, इस तरह की राजनीति करके वो बहुत दूर नहीं जा पाएंगे, भगवा से नफरत के कारण वो क्या भ्रष्टाचार करने वालों का भी साथ देने को तैयार हैं, ये तमाम बातें हैं जिनका जवाब हासन को देना होगा। कमल हासन को ये नहीं भूलना चाहिए कि एक जिस भगवा से दूरी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वो हमारी संस्कृति का हिस्सा है, बीजेपी को भगवा दल कहने वालों को यो भी याद रखना चाहिए कि इसी भगवाधारी दल का नेता देश का प्रधानमंत्री है। तो कमल हासन ये ध्यान रखें कि वो राजनीति में क्या करने के लिए आ रहे हैं, मोदी और बीजेपी विरोध करने के लिए या फिर जो समस्याएं हैं उनको दूर करने के लिए।

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