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चुनाव कैसे लड़ा और जीता जाता है?, इसे बीजेपी से सीखने की ज़रूरत है

पाँच साल पहले जिस त्रिपुरा में बीजेपी की हैसियत ज़ीरो की थी, वहाँ लेफ़्ट से सत्ता छीन लेना राजनीतिक इतिहास की बहुत बड़ी घटना है।

New Delhi, Mar 03 : पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणाम घोषित हो रहे है, दो राज्यों में बीजेपी पूर्ण बहुमत की तरफ बढती दिख रही है, तो एक राज्य में भी बीजेपी ने अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। इस बड़े राजनीतिक मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकारों और विश्लेषकों ने भी अपनी-अपनी राय रखी है, आइये आपको बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के इस जीत पर किसने क्या कहा है ?

अजीत अंजीम (वरिष्ठ पत्रकार)
पाँच साल पहले जिस त्रिपुरा में बीजेपी की हैसियत ज़ीरो की थी , वहाँ लेफ़्ट से सत्ता छीन लेना राजनीतिक इतिहास की बहुत बड़ी घटना है . चुनाव कैसे लड़ा और जीता जाता है , इसे बीजेपी से सीखने की ज़रूरत है . पिछले चुनाव में खाता खोलना तो दूर ज़मानत बचाने के लिए तरस गई बीजेपी और संघ वहाँ सधे ढंग से काम कर रहा था . लेफ़्ट के लिए गड्ढा खोद रहा था और उन्हें अहसास भी नहीं था . क़रीब दो तिहाई बहुमत लेकर लेफ़्ट को यूँ चटका देना बहुत मायने रखता है . सिर्फ वाम -वाम बोलने से नहीं होगा ..
काम -काम बोलकर जनता से तख़्ता पलट दिया .
पूर्वोत्तर में अब बीजेपी का झंडा बुलंद हो चुका है . हाशिए पर गए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दलों को सख्त आत्ममंथन की दरकार है . वरना नाम गुम जाएगा …

मालिनी अवस्थी (लोकगायिका)
प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास का परिणाम है आज की महत्वपूर्ण विजय! त्रिपुरा में शून्य से दो तिहाई बहुमत की ऐतिहासिक विजय, नागालैंड में विजय मेघालय में अच्छा प्रदर्शन इसी का प्रमाण है। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भाजपा को बहुत बधाई।

सुरेन्द्र किशोर (वरिष्ठ पत्रकार)
नोटबंदी के बाद आम लोगों को भी तकलीफ हुई। फिर भी भाजपा उत्तर प्रदेश में जीत गयी। जी.एस.टी.के बाद अनेक लोगों को तकलीफ हुई । फिर भी भाजपा व्यवसाय प्रमुख राज्य गुजरात में अपनी सरकार बनाए रखने में सफलता प्राप्त कर ली। पूर्वोत्तर भारत में बहुत बड़ी आबादी अल्पसंख्यकों और आदिवासियों की है। नीरव मोदी लूट कांड के लिए आधी जिम्मेदारी मोदी सरकार की भी बनती है।  फिर भी ताजा पूर्वोत्तर चुनाव में भी भाजपा ने अपना झंडा गाड़ दिया। यूं कहिए कि पत्थर पर दूब जमा दिया। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है ? इस देश के अधिकतर मतदाताओं के दिल ओ दिमाग में कौन सी ऐसी समस्याएं हंै जिन्हें हल करने की उम्मीद वे भाजपा से कर रहे हैं ? या वे समझते हैं कि उन समस्याएं का हल सिर्फ भाजपा के पास है ?
कृपया मेरा मार्ग दर्शन करें।

रवीश कुमार (वरिष्ठ पत्रकार)
त्रिपुरा में बीजेपी की जीत शानदार और ऐतिहासिक है। जीतने का जुनून किसी भी शिखर पर ले जा सकता है। पाँच साल पहले ज़मानत ज़ब्त कराने वाली बीजेपी ने पचीस साल वाले माणिक सरकार को बेदख़ल किया है। बाकी कई राज्यों की जीत से भी बड़ी जीत है। राजनीतिक दल के रूप में भाजपा ने अप्रत्याशित विस्तार किया है। दूसरी तरफ का मैदान ख़ाली है। विपक्ष की ज़मीन पर कुछ नया उभरे तो राजनीति के लिए अच्छा होगा। इसके लिए विपक्ष को जीत का जुनून पैदा करना होगा।

(सभी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
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