New Delhi, Apr 03 : बार-बार दोहराता रहा हूँ कि यह राजनीति का “बोये पेड़ बबूल के” काल चल रहा है। पिछले हफ्ते ही तो धार्मिक आस्था पर बिना कानूनी परमिशन के तलवार लहराते रैली को लोग पूरी तरह सही ठहरा रहे थे। जय श्री राम के उद्घोष के साथ खुद कानून के रखवाले केंद्रीय मंत्री धर्म की रक्षा के लिए कानून को तोड़ना ताल ठोक सही ठहरा रहे थे।
नतीजन बिहार जैसे राज्य ने सालों बाद दंगो का दौर देखा। आज किरदार बदल गए। जय भीम के उद्घोष से दलित हक के नाम पर कानून तोड़ने को सही बता रहे थे।
करणी सेना हो या श्री राम सेना या भीम सेना या मुस्लिम सेना या कोई और..हम अपने लोगों के “हिंसा” और बदतमीजी को
फिर कह रहा हूँ “बहुसंख्य वाद” को बढ़ावा देंगे तो ऐसे दिन बार-बार आएंगे। “हम्माम में सब सब नंगे” थे तो फिर भी ठीक था। अब तो ” हम्माम में सब हिंसक और हैवान” होते जा रहे हैं।
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