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तेजस्वी यादव के नाम खुला खत, ’बबुआगिरी’ नहीं राज्यपाल के अधिकारों को पढ़िए’

तेजस्वी जी, लोकतंत्र में ’बबुआगिरी’ काम नहीं आता। लोकतंत्र, संविधान और मर्यादाओं से चलती है। वैसे इसमें आपका दोष भी नहीं।

New Delhi, May 19 : माननीय प्रतिपक्ष के नेता, विधानसभा तेजस्वी यादव जी
आज आप अपने दल के सभी विधायकों को लेकर राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले हैं। परंतु शायद आपको लोकतंत्र और सरकार बनाने के नियमों का ज्ञान नहीं। सरकार बनाने का दावा पेश करने के पूर्व विधानसभा में वर्तमान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर संख्याबल के द्वारा वर्तमान सरकार गिरानी पडत़ी है और इसके बाद नई सरकार बनाने का मार्गप्रशस्त होता है।

तेजस्वी जी, लोकतंत्र में ’बबुआगिरी’ काम नहीं आता। लोकतंत्र, संविधान और मर्यादाओं से चलती है। वैसे इसमें आपका दोष भी नहीं। आपको अनुभव और मेहनत के बिना न केवल पद बल्कि संपत्ति भी हासिल हो गई है। राजनीतिक व पारिवारिक अनुकंपा पर अगर सबकुछ हासिल हो जाए, तो ऐसे में ज्ञान की कमी होना लाजिमी है।
वैसे कर्नाटक में सरकार बनने के बाद आपके मन में बालमन की तड़प समझी जा सकती है। परंतु ऐसे समय किसी चीज को जल्दी पाने की ललक नुकसानदेह है।

कहा भी गया है –
’’ कारज धीरे होत है काहे होत अधीर।
समय पाय तरुवर फरै केतक सींचै नीर॥’’
वैसे, आपके पिताजी लालू प्रसाद जी अभी भ्रष्टाचार के आरोप में सजायाफ्ता हैं, ऐसे में दल के अन्य वरिष्ठ नेताओं से आपको इसकी जानकारी ले लेनी चाहिए। आप लोकतंत्र की हत्या और संविधान के साथ छेड़छाड की बात करते हैं तो क्या वर्ष 2005 में बिहार के राज्यपाल बूटा सिंह द्वारा 22 मई, 2005 की आधी रात को राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त रोकने का हवाला देते हुए विधानसभा भंग कर दी गई थी | उस कार्रवाई को आप क्या मानते हैं?

उस समय राजद के पास 91 विधायक थे, जबकि एनडीए के पास 92 और 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन था। उस समय को आप क्या कहेंगे? बाद में राहत की बात थी कि सुप्रीम कोर्ट ने माननीय राज्यपाल बूटा सिंह के फैसले को असंवैधिक करार दिया था। वैसे, आपके पिताजी को राजनीतिक विषय में बोलने पर अदालत ने रोक लगा दी है परंतु आप उन्हीं से पूछ लेंगे कि क्या उस समय उसने लोकतंत्र की हत्या नहीं करवाई थी?
वैसे, आपको राजभवन जाकर अपनी बात कहने का हक है और मीडिया में जगह पाने के लिए आपके लिए यही एकमात्र उपाय भी है। ऐसे में जब आप आज आपने अपने सभी विधायकों को बुलाया है तो क्या जेल में दुष्कर्म के मामले में बंद राजवल्लभ यादव को भी अदालत के सक्षम आदेश के बाद बुलाया है?
तेजस्वी जी, आप जिन विधायकों को लेकर राजभवन जा रहे हैं, उनमें 34 विधायक संगीन आपराधिक मामलों में आरोपी हैं । ऐसे में आप लोकतंत्र की रक्षा कैसे करेंगे ?

(जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
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