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बिहार उपचुनाव : जोकीहाट न आरजेडी की जीत है, न जेडीयू की हार

जोकीहाट : आरजेडी के टिकट पर जीते शाहनवाज आलम तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं। अगर वे किसी दूसरी पार्टी के प्रत्याशी होते तो शायद रिजल्ट भी कुछ और होता।

New Delhi, Jun 01 : जोकीहाट विधानसभा सीट से शाहनवाज आलम की जीत न तो आरजेडी की जीत है, न जेडीयू की हार। सच पूछिए तो यह चचा तस्लीमुद्दीन की जीत है। इस सीट पर अबतक कुल 14 चुनाव हुए हैं। जिसमें स्व. सांसद मो. तस्लीमुद्दीन के परिवार की यह 10 वीं जीत है। वे अलग -अलग पार्टियों से जीतते रहे हैं। यह इस इलाके में तस्लीमुद्दीन की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक हैसियत को रेखांकित करता है। आरजेडी के टिकट पर जीते शाहनवाज आलम तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं। अगर वे किसी दूसरी पार्टी के प्रत्याशी होते तो शायद रिजल्ट भी कुछ और होता। इसलिए इस जीत पर किसी को बहुत इतराने की जरुरत नहीं है।

शाहनवाज की जीत की संभावना पहले से ही व्यक्त की जा रही थी । हाँ अगर जेडीयू ने वहां किसी साफ -सुथरी छवि का बेहतर उम्मीदवार दिया होता तो शायद इतनी शर्मनाक हार नहीं हुई होती। शाहनवाज अपने परिवार में सबसे अधिक शिक्षित और शालीन व्यक्ति हैं। उनकी पढाई लिखाई बिहार से बाहर हुई है। उन्होंने लॉ किया है। और उनपर कोई केस मुकदमा नहीं है। यह भी उस परिवार के लिए एक आश्चर्य की ही बात है। इसके उलट जेडीयू ने जिस मुर्शीद आलम को अपना प्रत्याशी बनाया था, उनपर गैंग रेप तक के आरोप है। इसके अलावा भी अनेक गंभीर किस्म के मुकदमें हैं।

आरजेडी प्रत्याशी को जितने वोट मिले हैं उसके आधे से भी कम जेडीयू को मिले। जेडीयू के शाहनवाज को 81240 वोट मिले। जबकि आरजेडी के मुर्शीद आलम को सिर्फ 40016 वोट। जेडीयू ने मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए खास रणनीति बनाई थी। लेकिन वह काम न आई। यह जेडीयू के लिए एक संकेत है। इसे झटका भी कह सकते हैं। जोकीहाट मुस्लिम बहुल इलाका है। करीब 60 मतदाता मुस्लिम हैं। उनका एकमुश्त वोट शाहनवाज को मिला।
यहाँ के विधायक सरफराज आलम (तस्लीमुद्दीन के पुत्र) जेडीयू से विधायक थे। उनके पिता मो. तस्लीमुद्दीन अररिया से आरजेडी से सांसद थे।

उनकी मृत्यु के बाद सरफराज जेडीयू से इस्तीफा देकर आरजेडी के टिकट पर लोकसभा में चले गये। विधानसभा सीट पर उनके भाई शाहनवाज ने आरजेडी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। उन्होंने पारिवारिक सीट पर परिवार का कब्ज़ा बरकरार रखा।
ऐसा नहीं है कि इस परिवार को सिर्फ मुस्लिम वोटों का ही आसरा है। बड़ी संख्या में हिन्दू वोट भी उन्हें मिलते हैं। तस्लीमुद्दीन जमींन से जुड़े नेता थे। उनकी विरासत को उनके पुत्र कहाँ तक आगे ले जाते हैं ,यह देखने की बात होगी।
बहरहाल चुनाव परिणाम आने के बाद मंत्री जय कुमार सिंह ने यह कहकर खलबली मचा दी है कि जोकीहाट सीट हम अपनों के कारण हारे। अब वे अपने कौन हैं ,यह तो वही जानें। लेकिन इससे पार्टी के अंदर तरह -तरह की बातें तो होंगी।

(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
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