कलियुग में भगवान विष्णु के अंतिम अवतार ‘कल्कि’ का यहां होगा जन्‍म, 64 कलाओं से होंगे संपन्‍न

भगवान विष्‍णु के अंतिम अवतार कल्कि अवतार के बारे में जानिए कुछ रहस्‍यमयी बातें, जानिए कब होगा विष्‍णु के अंतिम अवतार का । कैसे और कहां होती है भगवान कल्कि की अभी से पूजा ।

New Delhi, Jun 06 : पुराणों-शास्‍त्रों में लिखा है जब-जब धरती पर पाप और अन्याय बढ़ा है, तब-तब स्वयं भगवान किसी न किसी रूप में धरती पर प्रकट हुए हैं । वो भगवान शिव के अवतार हों या फिर भगवान विष्‍णु के । धरती को पाप मुक्‍त बनाने के लिए भगवान विष्‍णु अब तक 10 अवतार ले चुके हैं । विष्‍णु के वामन अवतार, नृसिंह अवतार, मत्स्य अवतार, श्री कृष्‍ण अवतार ये सभी इस बात के प्रमाण ही तो हैं । कलियुग में भी भगवान के एक अवतार का जन्‍म होना है, जिसे ईश्‍वर का अंतिम वतार माना गया है ।

धर्मयुग की स्‍थापना
सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग के बाद अब कलियुग चल रहा है । हर युग का अंत जब – जब आया है तब-तब ईश्‍वर ने अपने अवतार रचकर  उसका समापन किया है । इसी प्रकार शास्‍त्रों में कहा गया है, जब कलियुग भी अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाएगा, तब विष्णु जी कल्कि अवतार लेकर कलियुग का अंत करेंगे और धर्मयुग की स्थापना करेंगे ।

रहस्‍य है कल्कि अवतार
कल्कि अवतार भगवान विष्‍णु के आखिरी अवतार होंगे । इस अवतार को लेकर आज भी लोगों के मन में कई रहस्‍य और जिज्ञासाएं जन्‍म लेती हैं । मनुष्‍य ये जाना चाहते हैं कि भगवान विष्‍णु का ये अवतार कैसा होगा , कल्कि अवतार के रूप में भगवान कैसे दिखेंगे । प्रभु का जन्‍म कहा होगा और वो देश के किस हिस्‍से को पावन करेंगे । प्रभु के इस रूप, इस अवतार के बारे में विस्‍तार से बताया गया है । श्रीमद्भागवत गीता में इस रूप के बारे में बताया गया है ।

गीता में दी गई है जानकारी
भगवान विष्‍णु के ग्‍यारहवें अवतार श्री कल्कि अवतार के बारे में एक श्‍लोक के माध्‍यम से जानकारी दी गई है । ये श्‍लोक श्रीमद्भागवत-महापुराण के बारवें स्कन्द में दिया गया है । श्लोक इस प्रकार है –
सम्भलग्राममुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः। भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति।।
श्लोक का अर्थ-
शम्भल-ग्राम में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण होंगे। उनका ह्रदय बड़ा उदार और भगवतभक्ति पूर्ण होगा। उन्हीं के घर कल्कि भगवान अवतार लेंगे।

यहां होगा जन्‍म
श्रीमद्भागवत-महापुराण में बताई गई जगह आज उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद जिले में संभल नाम से मौजूद है। यहीं पर भगवान विष्णु अपना कल्कि अवतार लेंगे। पुराण के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान कल्कि अवतार लेंगे। इसलिए इस दिन कल्कि जयंती का पर्व मनाया जाता है।

64 कलाओं से संपूर्ण, देवदत्‍त होगा वाहन
कल्कि अवतार कलियुग और सतयुग के संधिकाल में होगा। भगवान विष्णु का यह अवतार सभी 64 कलाओं से युक्त होगा। कल्कि अवतार में भगवान का वाहन देवदत्त नामक घोड़ा होगा। इसी पर सवार होकर भगवान सभी पापियों का विनाश करेंगे और धर्म की स्थापना करेंगे। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जहां कल्कि अवतार होगा, वहीं पर भगवान कल्कि का एक प्राचीन मंदिर भी मौजूद है।

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