New Delhi, Nov 26 : 10 साल पहले हुए आतंकी हमले की यादें मुंबई को आज भी दहला देती हैं । इस आतंकी घटना का गवाह बना एक-एक शख्स आज भी उन आवाजों को भूला नहीं है । दहशत के वो चंद घंटे लोगों में अंदर तक बस गए हैं । इस आतंकी हमले में कई सौ लोगों की जान बचाने वाले बहादुर जवान आज भी उस दिन को याद कर खुद पर गर्व महसूस करते हैं, कैसे उन चुनौतियों का उन्होने हिम्मत से सामना किया । 26/11 आतंकी हमले से निपटने की रणनीति कैसे तैयार हुई, अगर वो फैसले तब ना लिए जाते तो क्या होता । ये सारी जानकारी हमले के 10 साल बाद दी है तत्कालीन एनएसजी डीआईजी ब्रिगेडियर गोविंद सिंह सिसौदिया ने ।
पहले ही बना ली थी रणनीति
सिसोदिया ने बताया कि 26/11 आतंकी हमले से निपटने की रणनीति एनएसजी की टीम ने दिल्ली से मुंबई की उड़ान के दौरान ही बना ली थी।
एक दशक पूरे
ब्रिगेडियर सिसौदिया ने मीडिया से बात की और उस दिन का पूरा हाल बताया । उन्होने कहा – आज मुंबई हमले को एक दशक पूरा हो गया ।
आम जनता को बचाना था चुनौती
सिसोदिया ने आगे बताया – अब चुनौती यह थी कि होटल में मौजूद आतंकियों से निपटने के साथ ही करीब 600 कमरों में फंसे निर्दोष लोगों
शहीद साथियों की याद में आंखें हो जाती हैं नम
जवाबी हमले में शहीद हुए टीम के सदस्यों मेजर उन्नीकृष्णन और गजेंद्र सिंह बिष्ट को याद करते हुए ब्रिगेडियर साहब आज भी बहुत दुखी हो
10 साल बाद अमेरिका का बड़ा ऐलान
वहीं इस हमले के 10 साल बाद अमेरिका ने बड़ा ऐलान किया है । अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, ‘हमले के दोषियों का अब
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