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ये है नीतीश कुमार का ‘पीके प्लान’, रणनीति ऐसी जिसका विरोधी भी मानेंगे लोहा

नीतीश कुमार और जदयू की राजनीति की भविष्य का खांका तैयार किया जा रहा है, जिसे अगुवाई आगे पीके करेंगे।

New Delhi, Dec 07 : पटना विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में जदयू ने अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की, इसके साथ ही सुशासन बाबू के पीके प्लान ने पटना विश्वविद्यालय में एबीवीपी का वर्चस्व तोड़ दिया, जाहिर है कि ये सब जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर यानी पीके के बेहतरीन प्लानिंग और उसे धरातल पर उतारने की वजह से हुआ है, हालांकि पीके जिस तरह से छात्रसंघ के चुनाव में एक्टिव दिखे, उसने कई सवालों को भी जन्म दे दिया है।

क्यों दिया छात्रसंघ चुनाव को इतना महत्व ?
बिहार में पीके की राजनीतिक हैसियत क्या है, शायद किसी को बताने की जरुरत नहीं है, इतने बड़े कद के नेता के लिये छात्रसंघ चुनाव ज्यादा मायने नहीं रखते, लेकिन जिस तरह से पीके ने रणनीति तैयार की, उससे लग रहा है कि नीतीश कुमार और जदयू की राजनीति की भविष्य का खांका तैयार किया जा रहा है, जिसे अगुवाई आगे पीके करेंगे। नीतीश कुमार के पीके प्लान के पीछे बिहार की विशिष्ट राजनीतिक विरासत है, जेपी आंदोलन से निकले नेताओं ने बिहार में खास पहचान बनाई, जिसमें लालू, नीतीश, रामविलास पासवान, सुशील मोदी और रविशंकर प्रसाद जैसे नेता निकले। जाहिर सी बात है कि पीके प्लान का केन्द्र बिंदु बिहार के युवा हैं, इसलिये यूनिवर्सिटी कैम्पस से ज्यादा उन्हें मुफीद जगह नहीं मिलेगी।

युवाओं पर खास फोकस
जब से पीके जदयू में शामिल हुए हैं, वो युवाओं पर फोकस कर रहे हैं, अक्टूबर में वो युवाओं के साथ बैठक की, छात्र जदयू के कार्यकर्ताओं और युवा पदाधिकारियों को महत्वपूर्ण टास्क भी दिये, इसके बाद उन्होने एक टोल फ्री नंबर 9121691216 जारी किया, जिस पर बिहार का कोई भी युवा उन्हें फोन कर सकता है, इस नंबर पर तीन सवाल पूछे जाते हैं, कहां से आते हैं, क्या करते हैं, और बिहार के लिये आपकी राजनीतिक सोच क्या है ?

एजेंडा सेट
इसके जरिये पीके युवाओं से फीड बैक लेकर जदयू के उम्मीदवार तय करने और मेनिफेस्टो बनाने के साथ-साथ एजेंडा सेट करने पर भी काम करेंगे, वो कुछ युवाओं की टोली तैयार कर रहे हैं, जो बूथ स्तर पर काम करेगा, आने वाले दिनों में पीके का ये प्लान जमीन पर दिखने लगेगा, प्रशांत किशोर अपनी रणनीति के तहत बिहार के युवाओं पर फोकस कर राजनीति का ड्राफ्ट तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

नये उम्मीदवारों को मौका
प्रशांत किशोर पहले ही कह चुके हैं, कि एक बार में नहीं लेकिन धीरे-धीरे वो रणनीति के तहत अपनी पार्टी में युवाओं को मौका देंगे, हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होने कहा था कि वो अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की औसत उम्र 45 साल करना चाहता है, हर बार 25 से 30 फीसदी नये और युवा उम्मीदवारों को मौका देना चाहते हैं, ताकि वंशवाद के अलावा भी कुछ युवा राजनीति में आएं।

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