बेहद खतरनाक कैंसर से जूझ रहे हैं मनोहर पर्रिकर, कम ही लोग कर पाते हैं सरवाइव, ऐसे पहचानें लक्षण

मनोहर पर्रिकर की गिरती सेहत देख आप इसकी भयावहता का अंदाजा लगा सकते हैं । आगे आपको बताते हैं, इस कैंसर के बारे में पूरी डीटेल ।

New Delhi, Dec 17 : गोवा के मुख्‍यमंत्री मनोहर पर्रिकर लंबे समय बाद नजर आए । सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्‍वीर वायरल हो रही है । पर्रिकर की तबीयत खराब होने के बावजूद वो काम करते हुए नजर आए । उनकी सेहत पहले से बहुत अधिक गिरी हुई नजर आ रही है । आपको बता दें मनोहर पार्रिकर पिछले कुछ समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं । उन्‍हें पैनक्रिएटिक कैंसर हो गया है जिसका इलाज जारी है । ये एक बेहद खतरनाक कैंसर है, जिसका इलाज एक लंबी प्रक्रिया है । मनोहर पर्रिकर की गिरती सेहत देख आप इसकी भयावहता का अंदाजा लगा सकते हैं । आगे आपको बताते हैं, इस कैंसर के बारे में पूरी डीटेल ।

जानलेवा होता है पैनक्रिएटिक कैंसर
कैंसर स्‍पेशलिस्‍ट के मुताबिक पैंक्रियाज में एक्सोक्राइन कैंसर जानलेवा होता है। ज्‍यादातर केसेज में

इसका पता एडवांस स्टेज पर पहुंचने के बाद ही होता है । इस कैंसर के लक्षण बहुत मुश्किल से नजर आते हैं । इस कैंसर का एकमात्र इलाज सर्जरी से ही संभव है लेकिन सर्जरी तभी संभव है जब बॉडी की सर्जरी करने की कंडीशन हो । सर्जरी न होने पर इस कैंसर का मरीज 6 महीने ही जी पाता है ।

पैंक्रिएटिक कैंसर
पैंक्रियाज यानी कि अग्‍नाशय, इस बीमारी में पैंक्रियास टिशू में कैंसर के सेल्‍स बनने लगते हैं । ये एक ग्रंथि होती है जो हमारे डायजेस्टिव सिस्‍टम का हिस्‍सा है । यह पेट के ऊपरी भाग में रीढ़ की हड्डी के सामने होता है । अग्‍नाशय डाइजेस्टिव जूस और हर्मोंस बनाता है, जो ब्लड शुगर को रेगुलेट करते हैं । एक्सोक्राइन पैंक्रियाज सेल्स डाइजेस्टिव सेल्स बनाती हैं जबकि एंडोक्राइन पैनक्रियाज सेल्स हार्मोंस बनाती हैं । पैंक्रियाज के अधिकार कैंसर एक्सक्राइन सेल्स से ही शुरू हो जाते हैं।

पैंक्रिएटिक कैंसर के संकेत
इस कैंसर के संकेत बहुत देर में मिलते हैं । इसमें मरीज को पीलिया हो जाता है। स्किन पीली और

आंखे सफेद हो जाती हैं। पेट के ऊपरी हिस्से और बीच में दर्द होना शुरू हो जाता है । इस बीमारी में पीठ में भी दर्द होता है। इस कैंसर में मरीज का वजन बहुत तेजी से कम हो जाता है । भूख लगना खत्म हो जाती है । बहुत अधिक थकान महसूस होने लगती है। तनाव रहने लगता है ।

ये हो सकती हैं वजह
अग्‍नाशय का कैंसर धूम्रपान के कारण हो सकता है । ये आनुवांशिक भी हो सकता है  ।वो लोग जो

डायबिटीज के शिकार हैं उन्‍हें भी इस बीमारी का खतरा हो सकता है । बहुत ज्‍यादा मोटे लोग भी इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं । इस कैंसर का पता बहुत देर में चलता है कंडीशन जानने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन किया जाता है जिसके बाद डॉक्टर सीटी स्कैन, एमआरआई, एंड्रोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड, लेप्रोस्कोपी, ईआरसीपी औ बायोप्सी जैसे टेस्ट से इसकी पुष्टि करते हैं ।

इलाज ?
पैंक्रिएटिक कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथैरेपी, रेडिएशन थैरेपी आदि द्वारा किया जाता है । ये

मरीज की सिथति पर निर्भर करता है । कैंसर को खत्म करने के लिए कुछ खास दवाईयां दी जाती हैं । थैरेपी के जरिए भी कैंसर सेल्स को खत्म किया जा सकता है । इसमें सर्जरी तब होती है जब ट्यूमर निकालने के हालात बन जाते हैं । एक्सक्राइन पैंक्रियाज कैंसर के मामले में मरीज बामुश्किल एक साल जी पाता है । ये एक जानलेवा कैंसर है ।

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