New Delhi, Dec 22 : तो भाजपा तीन राज्यों में अपनी करारी हार से सचमुच डर गई है । उसे अपने आप पर भरोसा नहीं रह गया है । तभी तो मतलब के यार रामविलास पासवान के आगे झुक गई है । ब्लैकमेलर और राजनीतिक मौसम विज्ञानी यानी गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले रामविलास पासवान की ब्लैकमेलिंग के आगे दंडवत हो गई है । पांच की जगह सात सीट देना और फिर अपने कोटे से राज्यसभा सदस्यता भी दे देना यही बताता है ।
गौरतलब है कि एस सी एस टी एक्ट पर संसद में सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला भी मोदी सरकार ने इसी रामविलास पासवान की ब्लैकमेलिंग में पलटा और
सात सीट देना चलिए माना , यह राज्य सभा सदस्यता भी अपने कोटे से देने का क्या तुक है भला ? भाजपा के लिए ब्लैकमेलर रामविलास पासवान अब सिर्फ़ गड्ढा हैं ।
बिहार में चुनाव जीतने के लिए एक नीतीश कुमार का साथ काफी है । इस लिए भी कि अगर 2019 के चुनाव परिणाम में भाजपा संकट में फंसी तो रामविलास पासवान किसी भी सूरत भाजपा के साथ खड़े होने वाले नहीं हैं ।
(वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…
ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…
अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…
धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…
भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…
मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…
Leave a Comment