Categories: वायरल

Opinion- इस देश को एक तानाशाह प्रधानमंत्री की जरुरत है, ताकि कुछ लोगों को सुधारा जा सके

अराजक लोगो को मोदी पसंद नही इसलिए उनपर नकेल कसने के लिए कम से कम मोदी ही चाहिए ।

New Delhi, Feb 15 : जो लोग कहते हैं कि मोदी तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं ,उनके लिए एक जानकारी । ” द प्रिंट ” नामक पत्रिका में एक सर्वे आया है जिसमे भारत के 53 फीसदी लोग देश मे मिलिट्री शासन चाहते हैं । इससे दो बातें साफ है । एक तो देश के लोग समझते हैं कि व्यवस्था में सुधार तभी होगा जब सैनिको की तरह अनुशासन और कड़ाई से निर्देशो का पालन हो । लोकतांत्रिक पेंचों में मामले को फंसाकर नही रखा जाए । और दूसरा जनता मानती है कि देश का मिलिट्री नेतृत्व ईमानदार है और देश , समाज ,अर्थव्यवस्था की कीमत पर मिलिट्री शासन गड़बड़ नही करेगा ।

लेकिन हम इस बात को लेकर आत्मविभोर हैं कि इस देश मे लोकतंत्र है । एक सड़ा हुआ लोकतंत्र । जहाँ हर व्यवस्था के लूपहोल्स हैं । नियम हैं तो नियम तोड़ने के भी नियम हैं । ऐसा लोकतंत्र जहां खुलेआम देश को , सैनिको को , संवैधानिक संस्थाओं को , दूसरे को गाली देने का ,पत्थर फेंकने का अधिकार है । दो टके की जिसकी औकात नही वह देश तोड़ने का नारा लगा सकता है । यहीं का खाकर इसी देश के खिलाफ षड्यंत्र कर सकता है । हमें यह बदगुमानी है कि हम ऐसे लोकतंत्र के बाशिंदे हैं । एक दूसरे सर्वे में यह भी बताया गया है कि भारत में लोगो को आजादी कितनी है । 119 देशो में यह 75 वे पायदान पर है । जाहिर है आजादी के नाम पर हमारा स्कोर अच्छा खासा है । लेकिन यही आजादी हमे उतश्रृंखल भी बना देती है । लोग मानने लगे हैं कि इतनी आजादी भी ठीक नही इसलिए 53 फीसदी लोग मिलिट्री शासन को प्राथमिकता दे रहे हैं ।

अब अपने देश मे लोकशाही है तो मिलिट्री शासन कोई स्वीकार नही करेगा । मैंने पहले भी लिखा है कि इस देश को कुछ सालों के लिए एक तानाशाह प्रधानमंत्री की जरूरत है । मोदी इस कसौटी पर थोड़ा अनुकूल लगते हैं । इसलिए तमाम विवादों के बाद भी मोदी अभी भी स्वीकार्य हैं लोकप्रिय हैं। अगर सर्वे के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो जनमानस चाहता है कि देश का नेतृत्व कोई लिजलिजा व्यक्ति न करे ,भले ही हमे अपने कुछ लोकतांत्रिक अधिकारों की तिलांजलि देनी पड़ी लेकिन अराजकता से बेहतर कठोर शासन होता है ।

अराजक लोगो को मोदी पसंद नही इसलिए उनपर नकेल कसने के लिए कम से कम मोदी ही चाहिए । मैं इसलिए ऐसा कह रहा हूँ कि अराजक लोगो के कारण अनुशासन प्रिय लोग कुंठा के शिकार होते हैं । छोटा सा उदाहरण लें । एक अनुशासित नागरिक नो पार्किंग इलाके में गाड़ी खड़ा करने में हिचकता है , डरता है ।लेकिन अराजक नागरिक इसे अपना अधिकार समझता है । ऐसे में अनुशासित नागरिक की कुंठा बढ़ेगी ही । हमे कठोर अनुशासन का पालन करने के लिए मजबूर कर सके ऐसे लोकतांत्रिक नेतृत्व की जरूरत है। फिलहाल तो मुझे मोदी ही दिखते हैं ।

(वरिष्ठ पत्रकार योगेश किसलय के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago