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वीटो के बावजूद मसूद घोषित हो सकता है ग्‍लोबल आतंकी, UN के पास बड़ा विकल्‍प, चीन की अहमियत खत्‍म

हालांकि सुरक्षा परिषद चाहती नहीं कि ऐसा हो । एक अन्य राजनयिक की ओर से कहा गया कि चीन को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को मसूद अजहर जैसे आतंकी के खिलाफ कार्रवाई के कदम से नहीं रोकना चाहिए ।

New Delhi, Mar 15 : पाकिस्‍तान की ओर से संचालित जैश ऐ मोहम्‍मद जैसे आतंकी संगठन के सरगना मसूद अजहर को एक बार फिर चीन ने बचा लिया । चौथी बार चीनी अड़गे के चलते यूएन में मसूद को ग्‍लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्‍ताव होल्‍ड पर डाल दिया गया । संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्‍यों में चीन के इस रवैये से खासी नाराजगी है । चीन को सख्‍त चेतावनी दी गई है कि अगर वो इस मामले में यही रवैया अपनाता है तो यूएनएससी को दूसरे विकल्‍पों का सहारा लेना पड़ सकता है ।

विकल्‍पों पर विचार कर रही है सुरक्षा परिषद
मीडिया में एक खबर के अनुसार चीन के रवैये से नाराज यूएन अब दूसरे विकल्‍पों को खंगाल रही है   । बिना नाम बताए एक राजनयिक के हवाले से खबर दी जा रही है कि सुक्षा परिषद के अन्य जिम्मेदार सदस्य मसूद के खिलाफ दूसरे तरीके अपनाने को मजबूर हैं । हालांकि सुरक्षा परिषद चाहती नहीं कि ऐसा हो । एक अन्य राजनयिक की ओर से कहा गया कि चीन को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति को मसूद अजहर जैसे आतंकी के खिलाफ कार्रवाई के कदम से नहीं रोकना चाहिए ।

क्‍या आतंकवाद के खिलाफ नहीं है चीन?
राजनयकि ने कहा कि चीन का ये कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के चीन के अपने लक्ष्यों के भी खिलाफ है। राजनयिक ने दो टूक शब्‍दों में चीन के इस रवैये पर नाराजगी जाहिर की । उन्‍होने पाकिस्तान को उसकी जमीन से संचालित आतंकी संगठनों और उनके नेतृत्व को बचाने के लिए चीन की मदद लेने के लिए भी आड़े हाथ लिया । उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान आतंकियों की मदद और उन्‍हें संरक्षण देने के लिए बार-बार चीन की मदद ले रहा है ।

अमेरिका, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन हुए चीन से नाराज
चीन द्रा चौथी बार वीटो पॉवर का इस्‍तेमाल करने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस उससे नाराज हैं । मसूद अजहर पर चीन का रवैया नागवार है । दुनिया की इन चारों महाशक्तियों ने चीन को चेतावनी दी है कि अगर ऐसा ही रवैया चीन को अपनाना है तो बाकी देश अन्‍य विकल्‍पों पर भी गौर कर सकते हैं । अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया। भारत ने भी चीन के फैसले को निराशाजनक बताया, लेकिन कोशिश करते रहने का जज्‍बा भी जाहिर किया । भारत में जैश ने कई आतंकी साजिशों से नुकसान पहुंचाया है ।

क्‍या है विकल्‍प ?
संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद चीन के इस रवैये से इतर कुछ विकल्‍प भी देख रही है । जिसमें यूएन चार्टर के अनुच्छेद-27 के तहत कोई फैसला हो सकता है। वहीं जानकारों के अनुसार इस मामले में अफरमेटिव वोटिंग के जरिये सदस्य देश निर्णय ले सकते हैं । अगर 15 में से 9 सदस्यों ने इस प्रस्‍ताव पर मुहर लगा दी चीन के वीटो पॉवर की अहमियत खत्म हो जाएगी ।

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