Categories: सियासत

Opinion – लालू यादव की इस दुर्दशा के लिए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिम्मेवार हैं

राजनीतिक मजबूरी देखिए कि कांग्रेस और RJD साथ-साथ चुनाव लड़ रहे हैं। लालू परिवार राहुल गांधी के खिलाफ एक शब्द बोलने को तैयार नहीं है।

New Delhi, Apr 11 : सुप्रीम कोर्ट ने लालू प्रसाद को जमानत देने से मना कर दिया। यह होना ही था क्योंकि एक सजायाफ्ता कैदी के रुप में उनके आचरण को कोर्ट ने न्यायसंगत नहीं माना। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल उनके वकील थे।

लालू जी काफी समय से जेल में हैं। चारा घोटाले में सजा मिलने के कारण ही उन्हें अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पडी साथ ही वे चुनाव लड़ने के योग्य भी नहीं रहे। लालू जी के परिजन समेत उनकी पार्टी के नेता इस सबके लिए BJP को दोषी ठहराते हैं। उनका आरोप है कि लालू प्रसाद को साजिश कर फंसाया गया। लेकिन सच इसके उलट है। लालू की इस दुर्दशा के लिए सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जिम्मेवार हैं।
याद करने की जरूरत है। मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। लालू MP थे। तब सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाया था कि निचली अदालत से 3 साल की सजा होने पर संबंधित व्यक्ति किसी सदन का सदस्य नहीं रह सकता। उसकी सदस्यता स्वतः खत्म हो जायेगी। और वह चुनाव भी नहीं लड़ सकता। इसके पहले जबतक कि सुप्रीम कोर्ट सजा की पुष्टि न कर दे, सजा को लंबित माना जाता था। सांसद-विधायक की सदस्यता नहीं जाती थी। निचले कोर्ट से हसी कोर्ट वहां से सुप्रीम कोर्ट तक जाते-जाते नेताओं की उम्र निकल जाती थी।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को पलट कर पूर्व की व्यवस्था कायम रखने के लिए सभी दलों की राय से सरकार ने अध्यादेश लाने की योजना बनाई। उसके प्रारूप को मंत्रिमंडल ने मंजूरी भी दे दी थी। इसी बीच राहुल गांधी विदेश दौरे से वापस आये और 28 सितंबर 2013 को अपनी ही सरकार के कैबिनेट के फैसले को फालतू बताते हुए उसकी कॉपी मीडिया के सामने फाड़ दी। सरकार समेत पूरी पार्टी राहुल की इस कार्रवाई से सकते में आ गई। मनमोहन तब विदेश दौरे पर थे। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी चुप रह गई थीं। PM मनमोहन सिंह की भी बोली नहीं निकली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के अपने फैसले से सरकार पीछे हट गई। इसके कुछ ही समय बाद रांची की CBI कोर्ट ने लालू को सजा सुनाई। और लालू सुप्रीम कोर्ट के फैसले के शिकार बने। तब से वे जेल में बंद हैं। बीच-बीच में कुछ समय के लिए बाहर आते हैं। उन्हें कुल 27 साल की सजा हो चुकी है।

लेकिन राजनीतिक मजबूरी देखिए कि कांग्रेस और RJD साथ-साथ चुनाव लड़ रहे हैं। लालू परिवार राहुल गांधी के खिलाफ एक शब्द बोलने को तैयार नहीं है। राहुल गांधी लालू जी पुत्र के साथ मंच शेयर करते हैं। RJD के किसी नेता की हिम्मत नहीं होती कि वे सच बोल सकें। अगर वह अध्यादेश आ गया होता तो लालू जी आज चुनाव में गरज रहे होते। लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं होने दिया।
बिहार के गांवों में एक कहावत कही जाती है– जबरा मारे आ रोये भी न दे। यह प्रकरण इसी कहावत को चरितार्थ करती है।

(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago