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जिनके घर कभी सोनिया गांधी बैठ बनाती थी रणनीति, अब बीजेपी ने उन पर ही लगा दिया दांव

स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा कि नहरों में पानी का मुद्दा सोनिया गांधी के खिलाफ भी उठाता जाता रहा है, हालांकि कोई सुनवाई नहीं हुई।

New Delhi, Apr 27 : लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को उसी के गढ में घेरने की तैयारी कर ली है, पहले अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को दोबारा चुनावी मैदान में उतारा गया है, इसके बाद सोनिया गांधी के खिलाफ भी कभी उनके करीबी रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह को टिकट दिया गया है। बीते 15 अप्रैल को यूपीए चेयरपर्सन के खिलाफ रायबरेली से उन्होने नामांकन भरते हुए जीत का दावा किया है।

किसका पलड़ा भारी
अगर आंकड़ों पर ध्यान दे, तो सोनिया गांधी को रायबरेली में कोई उम्मीदवार अभी तक टक्कर नहीं दे पाया है, यहां तक की साल 2014 में कथित मोदी लहर होने के बावजूद सोनिया गांधी तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीती थी, बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पिछले साल ही दिनेश प्रताप भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, अब इस बार राजनीतिक पंडितों की नजर इस वीआईपी सीट पर टिकी हुई है, कि आखिर इस बार के चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहेगा।

कौन हैं दिनेश प्रताप
रायबरेली सीट से बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप एमएलसी हैं, अगर राजनीतिक कद की बात करें, तो उनके भाई राकेश प्रताप सिंह कांग्रेस के टिकट पर अभी भी हरचंदरपुर से विधायक हैं, जबकि दूसरे भाई रायबरेली जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं, दिनेश प्रताप को कभी सोनिया और प्रियंका गांधी का करीबी कहा जाता था, उनके घर पंचवटी से कांग्रेस की रणनीति तय होती थी, लेकिन पिछले साल उन्होने कांग्रेस छोड़ दी, उन्होने कहा था कि जब इस सीट पर कांग्रेस लड़ती है, तो उसे 10 से 20 हजार से ज्यादा वोट नहीं मिलते, सोनिया अपने सिवा दूसरे किसी सांसद, विधायक, एमएलसी और पंचायत प्रमुख तक को नहीं जिता पाती हैं।

बीजेपी के कार्यकाल में नहरों में पानी
बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ता ने बताया कि पार्टी को आपसी गुटबाजी से नुकसान उठाना पड़ सकता है, रायबरेली बीजेपी में गुटबाजी चरम पर है, ऐसे में स्थानीय उम्मीदवार को नुकसान उठाना पड़ सकता है, हालांकि उन्होने ये भी बताया कि जिले में सरेनी-सतांव क्षेत्र की नहरें जो दशकों से सूखी पड़ी थी, उनमें बीजेपी के कार्यकाल में पानी आया, जिससे स्थानीय लोग और किसान खुश हैं।

सिर्फ हार का अंतर कम
स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता ने कहा कि नहरों में पानी का मुद्दा सोनिया गांधी के खिलाफ भी उठाता जाता रहा है, हालांकि कोई सुनवाई नहीं हुई, पिछले साल से ही नहरों में लबालब पानी भरा हुआ है, ये बड़ा चुनावी मुद्दा हो सकता है, इसे बीजेपी प्रत्याशी भुनाने की कोशिश कर रहे हैं, हालांकि एक स्थानीय निवासी ने कहा कि सोनिया गांधी के सामने दिनेश प्रताप टिक नहीं पाएंगे, मोदी के नाम पर वो हार का अंतर कम कर सकते हैं, बाकी इससे ज्यादा उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला।

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