New Delhi, May 02 : बिहार में 40 लोकसभा की सीटें है, लालू प्रसाद यादव की पार्टी इस चुनाव में केन्द्र बिंदु में है, हालांकि पिछले 44 सालों में ये पहला चुनाव है, जिसमें लालू शारीरिक रुप से मौजूद नहीं है, वो जेल में हैं, ऐसे में इसका असर उनकी पार्टी और परिवार पर साफ देखने को मिल रहा है, बिहार में तेजस्वी पिता की गैरमौजूदगी में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तेज प्रताप उनकी राह मुश्किल करने में लगे हुए हैं।
चक्रव्यूह कर रहे कमजोर
तेज प्रताप यादव के बगावती तेवर को देखते हुए पार्टी के लोग इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, पार्टी ने विरोधियों को हराने के लिये जो चक्रव्यूह रचा था,
क्यों नाराज हैं तेज प्रताप
शिवहर से राजद ने सैयद फैसल अली और जहानाबाद से सुरेन्द्र यादव को उम्मीदवार बनाया है, बताया जाता है कि तेज प्रताप सुरेन्द्र यादव को बिल्कुल पसंद नहीं करते,
फातमी पर कार्रवाई
टिकट ना मिलने की वजह से राजद के वरिष्ठ नेता अली अशरफ फातमी भी नाराज हैं, उन्होने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया,
तेजस्वी पर जिम्मेदारी
लालू प्रसाद यादव जब अपने राजनीतिक करियर के उफान पर थे, तो कहा करते थे, जब तक रहेगा समोसे में आलू तब तक रहेगा बिहार में लालू,
आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…
ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…
अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…
धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…
भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…
मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…
Leave a Comment