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पश्चिम बंगाल में ममता दीदी को पटखनी देने के लिये बीजेपी ने बदली रणनीति, अब गढ में सेंधमारी की तैयारी

बांग्लादेश सीमा से सटी बनगांव सीट ममता दीदी का गढ माना जाता है, पिछले दो चुनावों से इस पर टीएमसी का कब्जा रहा है।

New Delhi, May 07 : लोकसभा चुनाव का पांचवां चरण बीजेपी और टीएमसी के लिये बेहद खास रहा, एक ओर जहां बीजेपी दीदी के गढ में सेंध लगाकर दिल्ली के सिंहासन के पहुंचने की जुगत में है, वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है, आइये हम आपको बंगाल की सात सीटों के बारे में बताते हैं, जिस पर टीएमसी और बीजेपी की सीधी लड़ाई है, दोनों ने इसे प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है।

पांचवें चरण में 51 पर मतदान
आपको बता दें कि सोमवार को पांचवें चरण में 51 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें सात सीटें बंगाल की भी शामिल है, पिछली बार (2014 में ) 51 में से 40 सीटों पर कमल खिला था, हालांकि बंगाल में बीजेपी को करारी हार मिली थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने बदली हुई रणनीति के तहत बंगाल में ताल ठोंका है, बीजेपी को लगता है कि अगर दीदी के दुर्ग में सेंध लगानी है, तो सीधे टकराना होगा।

बनगांव सीट
बांग्लादेश सीमा से सटी बनगांव सीट ममता दीदी का गढ माना जाता है, पिछले दो चुनावों से इस पर टीएमसी का कब्जा रहा है, लेकिन पिछले पांच साल में यहां के हालात बदले हैं, खासकर मतुआ समुदाय के लोग बीजेपी की ओर आकर्षित हुए हैं, पीएम मोदी ने मतुआ समुदाय की राजमाता कही जाने वाली वीणापाणि देवी से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया था, माना जा रहा है कि यहां सीधी टक्कर बीजेपी और टीएमसी उम्मीदवार के बीच है।

बैरकपुर
बैरकपुर सीट टीएमसी के लिये काफी अहम है, टीएमसी ने एक बार फिर यहां से दिनेश त्रिवेदी को प्रत्याशी बनाया है, अगर दिनेश त्रिवेदी जीतते हैं, तो ये उनकी हैट्रिक होगी, क्योंकि पिछले दो बार से वही जीत रहे हैं, बीजेपी ने टीएमसी के ही पूर्व विधायक अर्जुन सिंह को उम्मीदवार बनाया है, इस क्षेत्र में हिंदी भाषियों का दबदबा माना जाता है, साथ ही ये क्षेत्र जूट मिलों के लिये भी मशहूर है, हुगली किनारे बसे इस इलाके में जूट मिलों की तरह हिंदी भाषियों की भी हालत बदहाल है। बीजेपी इन्हीं हिंदी भाषियों के सहारे जीत की उम्मीद लगाये बैठी है, 2009 में तो बीजेपी को इस सीट पर 3.56 फीसदी वोट मिले थे, लेकिन 2014 में बीजेपी ने इस सीट पर बेहतर प्रदर्शन किया था, और 21.92 फीसदी वोट हासिल किये थे, जिससे बीजेपी के खेमे में खुशी और उम्मीद दोनों है।

हावड़ा
राजधानी कोलकाता से सटी हावड़ा संसदीय सीट को लेकर भी बीजेपी को खास उम्मीद है, और ये उम्मीद बेवजह नहीं है, फुटबॉलर प्रसून यहां तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, पहली बार वो उपचुनाव में जीते थे, इसके बाद 2014 में जीते, बीजेपी ने इस सीट पर वरिष्ठ पत्रकार रंतीदेव सेनगुप्ता को उम्मीदवार बनाया है, बीजेपी उम्मीद कर रही है कि इस सीट पर टीएमसी की दाल नहीं गलेगी।

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