New Delhi, May 24 : बिहार में महागठबंधन को करारी हार मिली है, लालू की पार्टी राजद का खाता तक नहीं खुला, राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक राजद को एनडीए या उसके सहयोगियों ने नहीं बल्कि लालू परिवार के झगड़े ने लोकसभा चुनाव की लड़ाई से बाहर कर दिया, उम्मीदवार चयन से लेकर लोकसभा चुनाव के परिणाम तक तेजस्वी अपने परिजनों के ही निशाने पर रहे, मां राबड़ी देवी और पिता लालू प्रसाद यादव को छोड़ परिवार का शायद ही कोई सदस्य हो, जो तेजस्वी के बचाव में खुलकर खड़ा हो पाया हो।
पारिवारिक विवाद
तेजस्वी अपने दो निजी सहयोगियों मणि यादव और संजय यादव साथ ही दो राजनीतिक सहयोगी मनोज झा और आलोक मेहता के साख लोकसभा चुनाव के तीन महीने तक पारिवारिक विवाद से जूझते रहे,
अडंगा लगाते रहे तेजू और मीसा
राजनीतिक रुप से सक्रिय मीसा भारती कभी खुलकर तो तेजस्वी के सामने नहीं आई, लेकिन तेज प्रताप को मोहरा बनाकर वो तेजस्वी पर तीर छोड़ती रही,
तेज प्रताप ने कर दिया नाक में दम
तेज प्रताप यादव ने हर स्तर पर अपनी मनमानी करने की भरपूर कोशिश की, यहां तक कि तेजस्वी द्वारा घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ भी प्रचार किया,
खिसक गया वोट बैंक
तेज प्रताप पिछले तीन महीने से कभी इमोशनल ट्वीट करते हैं, तो कभी तेजस्वी के राजनीतिक हसियत पर ही सवाल खड़े कर देते हैं,
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