Categories: सियासत

चुनाव के बाद बिहार में सियासी उथल-पुथल, अब नीतीश बीजेपी के लिये लेकर आये खुशखबरी

कभी नीतीश के खासमखास रहे उपेन्द्र कुशवाहा को उनका उत्तराधिकारी माना जाता था, कुशवाहा अपने पॉलिटिकल मूव्स के लिये भी जाने जाते हैं।

New Delhi, May 27 : लोकसभा चुनाव के बाद भी मोदी सुनामी जारी है, प्रचंड बहुमत मिलने के बाद बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। इस चुनाव में बीजेपी को 303 और एनडीए को 353 सीटें मिली है, मोदी की इस सुनामी में विपक्ष के कई किले ढह गये, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी सीट तक नहीं बचा सके, तो उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी अब अपना वजूद तलाश रही है।

कुशवाहा को तगड़ा झटका
बिहार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को तगड़ा झटका लगा है, दरअसल रविवार को कुशवाहा के दोनों विधायक जदयू में शामिल हो गया, आपको बता दें कि अब कुशवाहा की पार्टी में कोई निर्वाचित सदस्य नहीं रह गया है, क्योंकि इस लोकसभा चुनाव में रालोसपा का खाता भी नहीं खुला। इसके बाद अब नीतीश कुमार ने उन्हें दोहरा झटका दिया है।

उल्टा पड़ गया दांव
कभी नीतीश के खासमखास रहे उपेन्द्र कुशवाहा को उनका उत्तराधिकारी माना जाता था, कुशवाहा अपने पॉलिटिकल मूव्स के लिये भी जाने जाते हैं, नीतीश से अलग होने के बाद उन्होने अरुण सिंह के साथ मिलकर अलग पार्टी बनाई और 2014 चुनाव में एनडीए से गठबंधन किया, एनडीए ने उन्हें तीन सीटें दी और तीनों पर कुशवाहा के उम्मीदवार जीत गये, जिसके बाद उन्हें केन्द्र में मंत्री पद मिला, हालांकि बाद में नीतीश की एनडीए में वापसी ने कुशवाहा को असहज कर दिया, नीतीश के वापस आ जाने से उन्हें मिलने वाला भाव भी कम हो गया, जिसके बाद कुशवाहा ने एनडीए छोड़ महागठबंधन का रुख किया, लेकिन चुनाव परिणाम देख लगता है कि उनका दांव उल्टा पड़ गया।

दो सीटों से लड़े चुनाव
महागठबंधन में उपेन्द्र कुशवाहा को पांच सीटें मिले, जिसमें दो सीटों से वो खुद चुनावी मैदान में उतरे, हालांकि दोनों ही सीटों से उन्हें बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा, इसके साथ ही दूसरी सीटों पर भी उन्हें सफलता नहीं मिली, कहा जाता है कि नीतीश ने उन्हें हरवाने के लिये अपनी पूरी ताकत लगा दी थी, क्योंकि नीतीश के बारे में कहा जाता है, कि वो अपने दुश्मनों को माफ नहीं बल्कि साफ करते हैं। एनडीए छोड़ते समय भी कुशवाहा ने नीतीश पर जमकर हमले किये थे।

टूट की कगार पर पार्टी
2014 में तीन सीट जीतकर कुशवाहा मोदी कैबिनेट में मंत्री बन गये थे, फिर 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए का खराब प्रदर्शन रहा, कुशवाहा की पार्टी के सिर्फ दो विधायक जीत सके, हालांकि अपने इन दोनों विधायकों को भी कुशवाहा नहीं संभाल सके, अब दोनों विधायक एक साथ जदयू में शामिल हो गये हैं, यानी अब रालोसपा में एक भी निर्वाचित सदस्य नहीं है।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago