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राहुल गांधी के इस्‍तीफे की खबर से लालू यादव हुए परेशान, कहा ‘यही तो बीजेपी का जाल है’, दी बड़ी सलाह

रांची के रिम्स में भर्ती लालू यादव की खराब तबियत की वजह पार्टी का चुनावों में धराशायी होना माना जा रहा है । राजद की स्थापना के बाद से ये पहला मौका है जब पार्टी को लोकसभा चुनाव में एक सीट तक नहीं मिल पाई ।

New Delhi, May 28 : आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जैसे ही राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात सुनी वो परेशान हो गए । उन्‍होने मीडिया से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना आत्मघाती कदम होगा । लालू ने कहा कि राहुल गांधी का इस्तीफा देना न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि उन दलों के लिए भी आत्मघाती होगा जो संघ परिवार के खिलाफ लड़ रहे हैं । लालू यादव ‘टेलीग्राफ’ अखबार से बात कर रहे थे ।

बीजेपी का जाल
लालू यादव ने अखबार से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी का ऐसा कदम बीजेपी के जाल में फंसने    जैसा होगा । लालू ने बड़ी बात कहते हुए कहा कि गांधी-नेहरू परिवार से परे हटकर जैसे ही कोई अन्‍य कांग्रेस अध्यक्ष पद पर  काबिज होगा, वैसे ही नरेंद्र मोदी और अमित शाह और पूरी भारतीय जनता पार्टी उसे कठपुतली करार देना शुरू कर देंगे । अगले आम चुनाव तक फिर यही मुद्दा रहेगा और बीजेपी कांग्रेस और उसके घटक दलों को इसी विषय पर निशाने पर लेती रहेगी

विपक्ष को हार स्‍वीकार करनी होगी : लालू
लालू प्रसाद यादव ने बातचीत में कहा कि विपक्ष को ये संयुक्‍त रूप से मानना होगा कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष चुनाव हार गया है । अब हमें इस बात पर विचार करना होगा की आखिर चूक कहां हो गई । लालू ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां महागठबंधन के रूप में बीजेपी को हराने, सत्‍ता से बेदखल करने के लिए एकजुट हुई थीं, लेकिन सभी दल इसमें हार गए ।

लालू की बिगड़ी तबियत
आपको बता दें लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लालू यादव को लेकर खबर आई थी कि वो नतीजों से बेहद परेशान हैं, यहां तक कि उन्‍होने खाना भी छोड़ दिया है । लालू ने नतीजों के बाद किसी से भी बात नहीं की । रांची के रिम्स में भर्ती लालू यादव की खराब तबियत की वजह पार्टी का चुनावों में धराशायी होना माना जा रहा है । राजद की स्थापना के बाद से ये पहला मौका है जब पार्टी को लोकसभा चुनाव में एक सीट तक नहीं मिल पाई ।

20 सीटों पर उतारे थे उम्‍मीदवार
लालू की पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल ही बिहार में महागठबंधन का नेतृत्‍व कर रही थी । कुल 20 सीटों पर आरजेडी ने अपने उम्‍मीदवार उतारे थे । जबकि बाकी की 20 सीटों पर उसके 4 सहयोगी दल कांग्रेस, हम, रालोसपा और वीआईपी ने अपने उम्‍मीदवार उतारे थे । पार्टी को इतने बुरे प्रदर्शन की उममीद नहीं थी । यही वजह रही कि तेजस्वी भी चुनाव के दौरान बंपर जीत का दावा करते रहे । लेकिन नतीजे आए तो पार्टी का सूपड़ा ही साफ होता नजर आया ।

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