New Delhi, Jun 04 : लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक परिणाम ना मिलने के बाद सपा-बसपा गठबंधन टूटने की कगार पर पहुंच चुका है, मायावती ने भले ये कहा हो, कि सपा-बसपा के रिश्ते बने रहेंगे, लेकिन उन्होने विधानसभा उपचुनाव में अकेले उतरने का ऐलान कर अपनी मंशा साफ कर दी है, अब दोनों पार्टियां एकला चलो रे की राह पर है। कहा जा रहा है कि जल्द ही गठबंधन तोड़ने का भी ऐलान हो जाएगा।
यादवों ने वोट नहीं दिया
बसपा प्रमुख मायावती ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में दावा करते हुए कहा कि यादवों ने बसपा उम्मीदवारों को वोट नहीं दिया, इस वजह से गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा,
बसपा ने जीती सीटें
कहा जा रहा है कि लालगंज, घोषी और गाजीपुर सीट बसपा ने यादव वोट बैंक के सहारे ही जीती, फिर मायावती गठबंधन क्यों तोड़ना चाहती है,
पहले ही कर चुकी अलग होने का फैसला
भले ही माया-अखिलेश एक लंबे अर्से तक साथ चलने का दावा कर रहे थे, लेकिन राजनीतिक जानकार पहले दिन से दावा कर रहे थे, कि ये गठबंधन टिकाऊ नहीं है,
ये है गठबंधन टूटने की असली वजह
सूत्रों की मानें तो गठबंधन करते समय ही ये तय हो गया था कि लोकसभा चुनाव मायावती के नेतृत्व में लड़ा जाएगा,
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