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नवजोत सिंह सिद्धू की बड़ी चाहत, इस पद पर लगाये हैं नजर, गुरु की चुप्पी से कांग्रेस में बेचैनी

सिद्धू और कैप्टन की खामोशी तीन तरह की चर्चाओं को बल दे रही है, पहली ये कि ऊर्जा मंत्रालय के साथ सिद्धू को कोई और मंत्रालय दिया जाएगा।

New Delhi, Jun 14 : कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की खामोशी अब शोर करने लगी है, पंजाब कांग्रेस और कुछ बड़े नेताओं में बेचैन बढने लगी है, पिछले एक सप्ताह से सिद्धू ने नये मंत्रालय का कार्यभार नहीं संभाला है, बताया जा रहा है कि सिद्धू की नजर बड़े पद पर लगी हुई है, वो पंजाब में कांग्रेस अध्यक्ष का पद या फिर कैबिनेट में बड़े विभाग पर नजर गड़ाये हुए हैं, इस वजह से उन्होने चुप्पी साध रखी है।

कांग्रेस के लिये चर्चा
ऊर्जा विभाग में इन दिनों रोजाना किसानों की निर्विध्न बिजली आपूर्ति के लिये बैठकों का सिलसिला जारी है, हालांकि इन बैठकों से सिद्धू गायब हैं, इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उन्होने मुलाकात भी की, लेकिन इसके बाद भी वो अपने नये मंत्रालय का कार्यभार संभालने नहीं पहुंचे, उनकी खामोशी ने कांग्रेस में तरह-तरह की बातें छेड़ दी है।

बड़े पद पर सिद्धू की नजर
सूत्रों का दावा है कि नवजोत सिंह सिद्धू की नजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या किसी बड़े महकमे पर टिकी हुई है, राहुल गांधी ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू की बीच सुलह कराने के जिम्मेदारी अहमद पटेल को सौंपी है, सीएम शुक्रवार शाम को दिल्ली आ रहे हैं, 15 जून को पीएम मोदी की अगुवाई में होने वाली नीति आयोग की बैठक में उन्हें शामिल होना है।

सिद्धू का सियासी भविष्य तय होगा
बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम को कैप्टन से अहमद पटेल मुलाकात कर सकते हैं, इससे सिद्धू का सियासी भविष्य भी तय होगा, कमाल की बात ये है कि सिद्धू के कार्यभार ना संभालने पर सीएम ने भी अभी तक कोई बयान नहीं दिया है, सरकार का कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय मंत्री ना संभाले और सीएम चुप रहे, ये राजनीतिक पंडितों को खटक रहा है, सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि सिद्धू का अगला कदम क्या होगा।

तीन तरह की चर्चा
सिद्धू और कैप्टन की खामोशी तीन तरह की चर्चाओं को बल दे रही है, पहली ये कि ऊर्जा मंत्रालय के साथ सिद्धू को कोई और मंत्रालय दिया जाएगा, ताकि वो दिखा सके, कि उनकी भी पावर कम नहीं है, दूसरा ये कि सिद्धू स्वाभिमानी है, स्थानीय निकाय विभाग छिना, तो उन्होने दूसरा मंत्रालय भी नहीं लिया, तीसरी संभावना ये है कि गुरदासपुर से लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया है, उनके करीबी सूत्रों का कहना है, कि वो फिर से ये पद नहीं संभालना चाहते हैं, तो सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है, लेकिन कैप्टन ऐसा होने नहीं देंगे, वो हर हाल में इस पद पर किसी अपने करीबी व्यक्ति को बिठाएंगे।

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