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शिवसेना का सीएम चाहते हैं ठाकरे तो बीजेपी ने भी दिए ऐसे संकेत अब सरप्राइज से सोच में पड़े उद्धव

खबर है कि शिवसेना बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए आधे कार्यकाल के लिए अपना सीएम मांग रही है, लेकिन भाजपा उसे विधानसभा की आधी सीटें भी देने के लिए तैयार नहीं है ।

New Delhi, Jun 15 : लोकसभा चुनाव खत्‍म हुए, मोदी सरकार एक बार फिर सत्‍ता में आई । नतीजे विरोध दलों के लिए चौंकाने वाले रहे । अपने दम पर 302 सीटें जीतने वाली बीजेपी महाराष्‍ट्र, बिहार और कुछ अन्‍य राज्‍यों में गठबंधन में लड़ी । लेकिन नतीजों से साफ पता चल रहा है कि जनता बीजेपी के साथ है । बीजेपी अगर अकेले भी चुनाव मैछान में उतरती तो जीत काफी हद तक निश्चित ही थी । बीजेपी इन नतीजों से जनता का मूड भांपने में कामयाब रही है, यही वजह है कि अब रार विधानसभा चुनाव में हो सकती है ।

महाराष्‍ट्र में क्‍या चलेगा गठबंधन ?
साल के आखिर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने है, इस बार भी शिवसेना ढाई-ढाई साल केफॉर्मूले की बात कर सकती है, हालांकि बीजेपी को ये मंजूर नहीं होगा । खबर है कि अगर शिवसेना बीते साल की तरह इस फॉर्मूले पर अड़ती है तो बीजेपी पिछली बार की तरह अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला कर सकती है। खबर है कि शिवसेना बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए आधे कार्यकाल के लिए अपना सीएम मांग रही है, लेकिन भाजपा उसे विधानसभा की आधी सीटें भी देने के लिए तैयार नहीं है ।

मंत्रिमंडल में ज्‍यादा जगह ना मिलने से नाराजगी
जेडीयू की ही तरह शिवसेना भी मंत्रिमंडल में उचित जगह ना मिलने से नाराज बताई जा रही है । हालांकि नीतीश की तरह उद्धव ने कैबिनेट से वॉकआउट नहीं किया । लेकिन गठबंधन में दरार के संकेत मिलने लगे हैं । उद्धव इन दिनों अयोध्‍या यात्रा कर रहे हैं, वहीं अपने भाषण में पार्टी ने चुनाव के बाद ढाई साल के लिए शिवसेना का सीएम बनाने तक की मांग कर दी । शिवसेना राज्‍य की 288 सीटों में से आधी सीटों पर दावेदारी कर रही है।

शिवसेना की शर्ते मंजूर नहीं – सूत्र
जानकारी के अनुसार बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है कि शिवसेना की ढाई साल के लिए अपना सीएम बनाने की बात तो दूर पार्टी उसे विधानसभा की आधी सीटें भी नहीं देगी। नेता के मुताबिक,  लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ है कि लोकप्रियता और जमीनी पकड़ के मामले में शिवसेना भाजपा से बहुत पीछे है। संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी अगर गठबंधन में लड़ना चाहेगी तो शिवसेना को डिप्‍टी सीएम का पद दिया जा सकता है । राजनीति के जानकारों की मानें तो अगर बीजेपी, कांग्रेस के जमीनी आधार में बड़ा सेंध लगाने में कामयाब हुई तो राज्य में उसे किसी सहयोगी की जरूरत नहीं पड़ने वाली । लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस और एनसीपी छोड़कर कई नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की खबरें आती रही हैं ।

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