Categories: सियासत

पुण्य तिथि विशेष- अगर अटल बिहारी वाजपेयी नहीं होते, तो इन मामलों में पीछे रह जाता भारत

वाजपेयी सरकार की सबसे बड़ी क्रांति टेलीकॉम नीति मानी जाती है, सरकार ने तय लाइसेंस फीस के बजाय रेवेन्यू शेयरिंग की व्यस्था की।

New Delhi, Aug 16 : पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि है, आज पीएम मोदी उनकी समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे, वाजपेयी देश के उन प्रधानमंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होने ना सिर्फ देश को प्रशासन और रक्षा के क्षेत्र में आगे बढाया, बल्कि ऑर्थिक विकास के स्तर पर भी दुनिया में पैर जमाने की कोशिश की, जब 2004 में अटल जी ने मनमोहन सिंह को सत्ता सौंपी, तो भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती की ओर दृढता से कदम बढा रही थी, ये वही दौर था, जब भारत की जीडीपी 8 फीसदी से ज्यादा थी, और महंगाई दर 4 फीसदी से भी कम, विदेशी मुद्रा भंडार भी तत्कालीन समय के अनुसार उच्चतम स्तर पर था। आइये वाजपेयी जी के बड़े कामों के बारे में आपको बताते हैं।

टेलीकॉम क्रांति
वाजपेयी सरकार की सबसे बड़ी क्रांति टेलीकॉम नीति मानी जाती है, सरकार ने तय लाइसेंस फीस के बजाय रेवेन्यू शेयरिंग की व्यस्था की, इसके अलावा सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन में विदेश संचार निगम लिमिटेड के एकाधिकार को खत्म किया, प्राइवेट कंपनियों के प्रतिस्पर्धा की जगह बनाई, जिससे विदेश में कॉल करने के दामों में कमी आई। साथ ही सरकार ने टेलीकॉम में सुधारों के लिये कई कदम उठाये ।

स्वर्णिम चतुर्भुज और ग्राम सड़क योजना
अटल जी की सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी स्वर्णिम चतुर्भुज और ग्राम सड़क योजना, इसके अंतर्गत उन्होने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई को हाइवे से कनेक्ट कर व्यापार और यातायात के क्षेत्र में अद्वितीय काम किया, वहीं ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों को पक्की सड़कों के जरिये शहर से जोड़ा, जिससे देश के आर्थिक विकास का एक सफल मॉडल बना।

राजकोषीय घाटे में ऐतिहासिक कमी लाना
वाजपेयी सरकार ने राजकोषीय घाटे में कमी लाने के लिये राजकोषीय जवाबदेही एक्ट बनाया, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र बचत में मजबूती आई, ये फाइनेंशियल ईयर 2000 में जीडीपी के माइनस 0.8 फीसदी से बढकर 2003 में 2.3 फीसदी तक पहुंच गई, इसे अर्थव्यवस्था के लिये अच्छा माना गया।

सर्व शिक्षा अभियान
इस योजना को साल 2001 में लांच किया गया था, इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दिये जाने का प्लान था, इस योजना के लागू होते ही प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या में तेजी से बढोतरी हुई, एक अनुमान के मुताबिक इस योजना के लागू होने के सिर्फ 4 सालों में स्कूल ना जाने वाले बच्चों की संख्या में 60 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago