Categories: वायरल

Opinion- मोदी-ट्रंप के ह्युस्टन-मंच को दोनों देशों के इतिहास में मील के पत्थर के रुप में याद किया जाएगा

अमेरिका जैसे देश का राष्ट्रपति अपने तीन घंटे किसी मेहमान के लिये लगाता हो तो जाहिर है वहां का मीडिया इसको उतनी ही तरजीह दे रहा होगा।

New Delhi, Sep 23 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ह्युस्टन-मंच को दोनों देशों के इतिहास में मील के पत्थर के रुप में याद किया जाएगा. तरतीब में अगर बातों को रखा जाए तो इसकी अहमियत का अंदाजा हो पाएगा.
१- पाकिस्तान का मंसूबा ध्वस्त: मोदी ने कहा कि 9/11 हो या 26/11 – सारी दुनिया को पता है कि इसके साज़िशकर्ता कहाँ पाए जाते हैं. मोदी ने कहा कि अब समय आ गया है कि आतंकवाद और आतंकवाद को पनाह देनेवालों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए. मोदी से पहले ट्रंप ने ये एलान किया कि इस्लामिक आतंकवाद को नहीं रहने दिया जाएगा. इस इस्लामिक आतंकवाद को पालने पोसने वाला देश कौन है, इमरान खान तक को समझ आ गया होगा

२- ३७० पर बाजी हासिल : पचास हजार से ज्यादा की तादाद में मौजूद लोगों के बीच कश्मीर से ३७० हटाने का जिक्र मोदी ने जैसे ही किया, सारा स्टेडियम खड़ा होकर तालियां बजाने लगा. यह अदभुत शोर और समर्थन ट्रंप को बताने के लिये काफी था कि भारत सरकार के फैसले के साथ अमेरिकी भारतयी भी खड़े हैं. यह फैसला बेशक कश्मीर और कश्मीरियों की बेहतरी के लिए ही है. यही संदेश दुनिया के बाकी देशों में भी गया होगा. ऐसे में इमरान खान संयुक्त राष्ट्र् में कश्मीर का मुद्दा उठाकर क्या हासिल कर पाएंगे यह समूचे पाकिस्तान को समझ आ गया होगा.

३-ट्रंप का बॉाडी लैंग्वेज दुनिया को मैसेज : अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताने और भारत के साथ मिलकर दोनों देशों की तरक्की को और गति देने की बात – भारत की ताकत और अहमियत की गवाही दे रहे थे. भाषण के बाद लोगों के बीच से गुजरते समय ट्रंप मोदी का हाथ पकड़ बार बार जिसतरह उठा रहे थे और लोगों को दिका रहे थे , यह तस्वीर सिर्फ हिंदुस्तान नहीं बल्कि दुनिया के तमाम बड़े देशों को अपना मतलब समझा रही होगी. एक वो दौर भी था जब अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन ने बांग्लादेश युद्द से पहले, मिलने गई इंदिरा जी को ४५ मिनट तक इंतजार करवनाया था.

४-अमेरिकी मीडिया में बड़ी जगह : अमेरिका जैसे देश का राष्ट्रपति अपने तीन घंटे किसी मेहमान के लिये लगाता हो तो जाहिर है वहां का मीडिया इसको उतनी ही तरजीह दे रहा होगा. पहले भारतयी प्रधानमंत्री के दौरों को वहाँ का मीडिया कहीं कोने अतरे में जगह दिया करता था.

(इंडिया न्यूज के पूर्व प्रबंध संपादक राणा यशवंत के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)
Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago