Categories: सियासत

महाराष्ट्र- पवार ने दिखाई पावर, एनसीपी के रुख से सकते में शिवसेना

शिवसेना के आधिकारिक रुप से बीजेपी से अलग होने के बाद शरद पवार ने अपने कदमों से कई बार चौंकानें के लिये मजबूर किया है।

New Delhi, Nov 21 : महाराष्ट्र में नई सरकार गठन के लिये अब तक जारी सियासी गहमागहमी के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार एक बार फिर से चर्चा के केन्द्र में हैं, सोमवार को पीएम मोदी ने राज्यसभा में एनसीपी की तारीफ की, इसके बाद बुधवार को खुद शरद पवार प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे, जिसके बाद सवाल ये उठ रहा है कि क्या राज्य में शिवसेना, कांग्रेस के साथ सरकार बनाने में जुटे शरद पवार सीधे या परोक्ष रुप से बीजेपी के लिये मददगार साबित हो सकते हैं, वैसे भी बीजेपी से दूर जा चुकी शिवसेना भी कांग्रेस-एनसीपी के साथ सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं दिख रही है।

चौंकानें वाले फैसले
दरअसल शिवसेना के आधिकारिक रुप से बीजेपी से अलग होने के बाद शरद पवार ने अपने कदमों से कई बार चौंकानें के लिये मजबूर किया है, आरएसएस सूत्रों का दावा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई में सरकार बन सकती है, अगर इस बीच किसी तरह से सौदेबाजी कर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बन भी गई, तो वो सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाएगी।

सरकार क्यों नहीं बना रहे
कहा जा रहा है कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, सत्ता में तीनों दलों की साझेदारी, बीएमसी, राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के लिये फॉर्मूले पर सहमति बनने के बाद भी तीनों दल अब तक राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर पाये हैं, इसलिये सवाल उठ रहा है कि जब सभी बिंदुओं पर सहमति बन गई, तो तीनों दल सरकार क्यों नहीं बना रहे, यानी अभी भी कुछ मुद्दों पर पेंच फंसा है।

पहले दे चुके हैं परोक्ष साथ
शरद पवार 2014 में भी महाराष्ट्र में बीजेपी को सरकार बनाने में मदद कर चुके हैं, तब भी शिवसेना अड़ियल रुख अपनाये हुए थी, तब बीजेपी ने अल्पमत सरकार बनाई थी, बहुमत साबित करने के दिन एनसीपी ने राज्य के हित में जरुरत पड़ने पर बीजेपी को समर्थन का ऐलान किया था, जिससे डरकर शिवसेना ने बीजेपी के सामने हथियार डाल दिये थे और समर्थन में वोट किया था।

क्यों चर्चा में हैं शरद पवार
शिवसेना को समर्थन करने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दी हरी झंडी, इसके बाद भी पवार शिवसेना से बात नहीं कर रहे हैं।
शरद पवार अपने चौंकानें वाले फैसलों के लिये जाने जाते हैं, कहा जा रहा है कि 2014 की तरह ही वो एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाने में परोक्ष भूमिका निभाएं।
यूपीए छोड़ केन्द्र और राज्य की सरकार में बीजेपी के साथ भागीदार बने
कुछ दिनों के लिये शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने दे, फिर कुछ दिनों बाद सरकार से अलग होने की घोषणा करें।

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-2

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago