New Delhi, Dec 10 : सुबह के 4 बजे थे, हम सब लड़के गहरी नींद में सो रहे थे, तभी एक लड़के के चिल्लाने की आवाज आई… ये शब्द दिल्ली अग्निकांड में जिंदा बचे मजदूर मुबारक के हैं। इस अग्निकांड में मुबारक के अपने भाई समेत 40 से ज्यादा की मौत हो चुकी है, कई अभी भी अस्पताल के बिस्तर पर जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं, ये लड़के जिस इमारत में काम करते थे, वो 600 वर्ग गज में बना था।
इमारत में चार मंजिलें
मुबारक ने बताया कि इस इमारत में चार मंजिलें थी, हर मंजिल पर अलग-अलग चीजों का निर्माण होता था, जिनमें बच्चों के खिलौने, कपड़े, स्कूल बैग इत्यादि शामिल है।
मुबारक की आपबीती
हादसे में बचे मुबारक ने बताया कि सुबह के चार बजे थे, हम लोग वहीं जमीन पर दरी डाले सोए हुए थे, छुट्टी का दिन था, सो हम लोग सो रहे थे, तभी 4 बजकर कुछ मिनट पर अचानक एक लड़के के चिल्लाने की आवाज आई, वो सुबह-सुबह टॉयलेट के लिये उठा था,
घुप्प अंधेरा था
मुबारक ने बताया कि घुप्प अंधेरा था, कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, ऐसे में कौन कहां है, कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था, किसी तरह हम खिड़की तक पहुंचे,
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