New Delhi, Jan 13 : बिहार के पिछड़ेपन की एक बड़ी वजह नौकरशाही की अकर्मण्यता और गैर जवाबदेह रवैया भी है। IAS और IPS प्रशासनिक ढांचे के सिरमौर माने जाते हैं। कुछेक अधिकारियों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश अधिकारी अपनी जिम्मेवारी के साथ न्याय नहीं करते।
बिहार में हुए शर्मनाक शेल्टर होम कांड ने अधिकारियों की कर्तव्यपरायणता की कलई खोल दी है। शेल्टर होम कांड की जांच कर रही CBI ने राज्य के 71 बड़े अधिकारियों को चिन्हित किया है, जिनकी लापरवाही से शेल्टर होम में बच्चे-बच्चियों का यौन शोषण हुआ।
एक तरफ बिहार में सुशासन का दावा किया जाता रहा है, दूसरी तरफ CBI की रिपोर्ट है। जिस राज्य में ऐसे लापरवाह अधिकारी हों वहां कैसा सुशासन होगा, यह समझा जा सकता है।
दरअसल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण कांड ने बिहार के प्रशासनिक तंत्र की नाकामी को सार्वजनिक कर दिया है।
शेल्टर होम में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए कई स्तरों पर व्यवस्था है। लेकिन जब बाड़ ही खेत को खाने लगे तो फिर सारी सुरक्षा नाकाम हो जाती है।
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