New Delhi, Feb 10 : भले ही टीम इंडिया अंडर 19 विश्वकप फाइनल में बांग्लादेश से हार गई हो, लेकिन टीम के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई ने अपनी अलग छाप छोड़ी है, उन्होने इस टूर्नामेंट में कुल 17 विकेट अपने नाम किये और टूर्नामेंट के सबसे सफल गेंदबाज रहे, हालांकि बिश्नोई के लिये यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है, उन्हें क्रिकेट खेलने के लिये काफी पापड़ बेलने पड़े हैं, यहां तक कि उन्हें मजदूरी तक करनी पड़ी, लेकिन उन्होने हार नहीं मानी।
मजदूरी कर क्रिकेटर बने बिश्नोई
सरकारी स्कूल के मास्टर के घर पैदा हुए रवि बिश्नोई के घर पर क्रिकेट को लेकर कोई खास उत्साह नहीं था, हालांकि रवि अपने बड़े भाई के साथ क्रिकेट खेलने जाते थे,
काफी मुश्किल समय
रवि बिश्नोई ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो 6 महीने काफी मुश्किल समय थे, मैं बिना कुछ जाने समझे बहुत मेहनत कर रहा था, मुझे नहीं पता था कि इसका फायदा भी मिलेगा या नहीं, रवि को अपना सपना पूरा करने के लिये काफी इंतजार करना पड़ा,
आईपीएल में बड़ी बोली
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