New Delhi, Mar 27: कोरोना वायरस इंसान के स्टूल यानी कि मल में कई हफ्तों तक ज़िंदा रह सकता है। संक्रमित व्यक्ति अगर ठीक भी हो जाए तो कुछ हफ्तों तक उसके मल में ये वायरस मौजूद रह सकता है और अगर कोई मक्खी इस पर बैठ जाए तो वो वह वाहक का काम कर सकती है। चीनी वैज्ञानिकों द्वारा जारी इस रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि ये गंभीर मामला है । गुरुवार को ही महानायक अमिताभ बच्चन ने भी इसे समझाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करके खुले में शौच न करने की अपील की है।
क्या कहती है रिसर्च ?
कोरोनवायरस के तीन मामलों में पुष्टि भी हुई । इस रिपोर्ट में कोरोना के तीनों प्रकारों का हवाला देते हुए समझाया गया है कि कैसे यह इंसान के मल में पाया गया है।
पहला मामला: SARS
रिपोर्ट के मुताबिक, 2002-03 में जब सार्स (कोरोना का एक प्रकार) का संक्रमण हुआ था तो मरीजों के मल में संक्रमण
दूसरा मामला: MERS
2012 में मेर्स के संक्रमण के दौरान मरीजों के 14.6 फीसदी सैम्पल में यह वायरस मिला। यह वायरस भी कम तापमान और नमी में जिंदा रह सकता है और मल के जरिए फैल सकता है।
तीसरा मामला: नया कोरोनावायरस
नीदरलैंड के सीवेज में भी नया कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) मिला है। अमेरिका में कोरोना के पीड़ित पहले मरीज के मल में भी यह पाया
मल से फैल सकता है Corona Virus
जांच में निगेटिव होने के बाद भी 20 फीसदी मरीजों के मल से यह फैल सकता है। चीन में 205 मरीजों पर ऐसी ही एक रिसर्च की गई । इस रिपोर्ट के मुताबिक, 30 फीसदी मरीजों के मल में जिंदा कोरोनावायरस मिला। चीन में ऐसे मामले भी
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