चीन का घिनौना चेहरा आया सामने, कोरोना वायरस का ये सच पूरी दुनिया से छिपाया

कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से बाहर निकला, अब इसमें कोई शक नहीं रहा है। लेकिन ये वुहान की मांस मंडी से निकला या चीन की जैविक परीक्षणों वाली लैब से, ये सवाल अब भी बना हुआ है ।

New Delhi, Apr 04 : पूरी दुनिया कोरोना से त्राहि त्राहि कर रही है और चीन में अब सब कुछ सामान्‍य हो रहा है। वुहान के जहरीले बाजार भी खोले जा रहे हैं ।इस बीच चीन को लेकर ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या चीन अपने यहां हुई मौतों के सही आंकड़े बता रहा है । शायद नहीं, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्‍योंकि चीन ने अब वुहान शहर में पीडित परिवारों को उनके मृत परिजनों के अस्थि अवशेष देने शुरू कर दिए है ।

जिन सेंटर्स में ये काम हो रहा है वहां हजारों में लाइने लगी नजर आ रही हैं । चीन के ही मीडिया संस्‍थान इन हजारों की संख्‍या में उमड़े   लोगों को देखकर हैरान है । सिर्फ वुहान की बात करें तो यहां कोरोना संक्रमित लोगों के आंकड़े 50 हजार बताए गए जबकि इनसे मरने वालों की संख्‍या 2535 बताई गई । लेकिन अतिम अवशेष लेने आने वाले 2535 नहीं है, इससे कहीं गुना ज्‍यादा है, हजारों लोग आए हैं ।

मीडिया में एक खबर और आई है और वो ये कि चीन की ओर से अमेरिका के वाइट हाउस को एक सीक्रेट रिपोर्ट भेजी गई है । जिसमें दिए मौत के आंकड़े सवाल पैदा कर रहे हैं । सूत्रों के पता चला है कि चीन अपने यहां होने वाली मौतों की संख्‍या घटाकर बता रहा है … चीन की ओर से लगतार ये गलत जानकारी दी जा रही है ।दरअसल खबर ये भी है कि अमेरिका ने अपनी खुफिया एजेंसी सीआईए को चीन पर जनवरी से ही नजर रखने के लिए कहा था । ऐसे में एजेंसी ने भी माना है कि चीन बहुत कम डेटा बता रहा है, उसके आंकड़ों पर भरोसा करना ठीक नहीं है ।

लेकिन एक सवाल ये भी उठ रहा है कि क्‍या चीन का उच्‍च प्रशासन यानी कि केन्‍द्र वुहान के स्‍थानीय प्रशासन की ओर से ही धोखे में है ।दरअसल वुहान में इस संक्रामक बीमारी के लक्षण जिस डॉक्‍टर ने सबसे पहले देखे उन्‍हें चुप रहने को कहा गया । बीमारी के 50 से ज्‍यादा मरीज अस्‍पताल में आने के बाद भी मिड जनवरी तक इस संक्रमण को छुपाया गया । 23 जनवरी को जब वुहान में लॉकडउन किया गया तब तक 50 लाख से भी ज्‍यादा लोग यहां से देश दुनिया में फैल चुके थे ।इतनी बड़ी चूक आखिर कैसे की जा सकती है ?

एक खबर ये भी है कि इस बीमारी से संक्रमित 25 फीसदी मरीजों में संक्रमण के लक्षण देखने को ही नहीं मिलते, ऐसे में खुद चीन भी सही आंकड़े बता पाने में असमर्थ है या कहें उसके पास ये फिगर्स हैं ही नहीं ।  बहरहाल चीन को ये तो मानना ही होगा कि उसकी ओर से एक बड़ी गलती को अंजाम दिया गया, दुनिया में फैली इस महामारी को वो अपने स्‍तर पर बहुत पहले ही रोक सकता था लेकिन गलत जानकारी ने सब कुछ बिगाड़ दिया ।

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