New Delhi, Apr 22 : दिसंबर से शुरू हुए कोरोना वायरस संक्रमण को 5 महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक इस बीमारी का इलाज पता लगाने में देश और दुनिया के वैज्ञानिक सफल नहीं हो पाए हैं । कई दवाओं पर एक्सपेरिमेंट चल रहा है, मरीजों को कई कॉम्बिनेशन में दवा दी जा रही है, इस उम्मीद के साथ की वो ठीक हो जाएंगे । लेकिन कुछ ठीक हो रहे हैं तो कुछ की मौत ये बता रही है कि दवाएं उस तरह से असर नहीं कर रही हैं जैसे करना चाहिए । बहरहाल पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ने मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की इतनी तारीफ की, कि दुनिया को लगने लगा यहीं इसका इलाज है । लेकिन अब इस दवा से जुड़े शोध सामने आ रहे हैं जो बिलकुल भी अच्छे नहीं हैं ।
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर हुई स्टडी
जिस दवा की ट्रंप ने इतनी तारीफ की, भारत को आंख तक दिखाई अब उसी दवा को लेकर अमेरिका से ही एक नई स्टडी सामने आई है ।
मरीजों की मौत का कारण बन रही है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन
शोध के नतीजों में कहा गया है कि वो मरीज जिन्होने इस दवा का सेवन किया उनमें से ज्यादातर मौत के करीब पहुंच गए या उनकी मौत ही हो गई । स्टडी में साफ कहा गया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की दवा से करीब 28 फीसदी
जांच के नतीजे चौंकाने वाले
समाचार के मुताबिक इस अध्ययन में NIH और यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के वैज्ञानिकों की टीम ने 368 कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट प्रक्रिया को इन्वेस्टिगेट किया । इनमें से कुछ मरीज मर चुके थे, और कुछ ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गए थे ।
ट्रंप को लेकर बड़ा खुलासा
इस स्टडी के बाद ये तो साफ है कि ये दवा उतनी प्रभावी नहीं जितना राष्ट्रपति ट्रंप इसे बता रहे थे । खुद अमेरिका अब इस दवा से बच रहा है इतना
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