Good News: इस दवा के इस्‍तेमाल से ठीक हो रहे हैं कोविड-19 के मरीज, डेक्‍सामेथासोन के गजब के नतीजे

कोरोना वायरस महामारी से बचाव का टीका कब आएगा, कब दवा बनेगी । दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं । इस कड़ी में ब्रिटेन के  वैज्ञानिकों ने एक कारगर दवा ढूढ़ने का दावा किया है ।

New Delhi, Jun 17: ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डेक्सामेथासोन नाम की दवाई बहुत कारगर साबित हो रही है । ये दवा सस्ती भी है और आसानी से मिलने वाली भी, खास बात ये कि इस दवा को कोरोना वायरस के भारी जोखिम वाले मरीजों को भी दिया जा सकता है । डेक्सामेथासोन पर फिलहाल दुनिया भर में परीक्षण जारी है और ये दवा एक्‍सपेरिमेंट्स का एक बड़ा हिस्सा है । ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से दवा के नतीजों पर कहा गया है कि जो लोग वेंटिलेटर पर थे, इस दवा के इस्तेमाल से उनकी मौत का खतरा एक तिहाई तक कम हो गया ।

गंभीर मरीजों के लिए बंधी उम्‍मीद
इस दवा पर रिसर्च कर रहे रिसर्चर्स के अनुसार ब्रिटेन में महामारी की शुरुआत में इस दवा का इस्तेमाल किया जाता तो करीब 5 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती थी । गरीब देशों में इस दवा का इस्‍तेमाल बड़ी संख्या में कोविड-19 के गंभीर मरीजों को ठीक करने में कारगर हो सकता है । ये दवा उन लोगों के लिए मुफीद है जो वेंटिलेटर पर हैं या भारी जोखिम में है । जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, उन्‍हें भी डेक्‍सामेथासोन दी जा सकती है ।

दवा को लेकर दावा
डेक्‍सामेथासोन दवा को लेकर शोधकर्ताओं का दावा है कि इस दवा के इस्‍तेमाल से अस्पताल में बिना भर्ती हुए बिना ही 20 में से 19 मरीज ठीक हो गए हैं । इसके साथ ही अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों में भी बेहतर परिणाम देखे गए । लेकिन दवा के साथ उन्‍हें ऑक्सीजन और दूसरे उपकरणों की भी जरूरत पड़ी थी । ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च टीम ने परीक्षण में अस्पताल में भर्ती 2 हजार मरीजों को दवा दी, जबकि अस्पताल से बाहर के 4 हजार मरीजों पर दवा का इस्तेमाल किया गया । नतीजे बेहतर रहे, जो मरीज वेंटिलेटर पर थे उनमें मौत का खतरा घटकर 40 फीसद से 28 फीसद हो गया । साथ ही वो मरीज जिन्‍हें ऑक्सीजन की जरूरत थी उनमें भी मौत का खतरा 25 से घटकर 20 फीसद हो गया ।

दवा पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का बयान
खुद कोरोना से लड़कर काम पर लौटे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन ने दवा को लेकर आए सफल नतीजों पर खुशी जताई और कहा –  “वैज्ञानिक उपलब्धता पर जश्न मनाने का उचित मौका है । हमने दवा की सप्लाई सुनिश्चित कराने के लिए कदम उठाए हैं।” वहीं शोधकर्ता प्रोफेसर पीटर होर्बी ने कहा –  “अबतक सिर्फ यही दवा है जिसने मृत्यु दर कम किया है ।ये बहुत  उत्साहजनक नतीजे हैं।” हालांकि दवा को लेकर एक चेतावनी भी है, कि लोग इसका सेवन खुद से ना करें । विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है – “डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल उन लोगों पर नहीं किया जाना चाहिए जो गंभीर रूप से बीमार नहीं हैं । अनुचित तरीके से दवा का सेवन संक्रमण की स्थिति को और बिगाड़ सकता है । इसका इस्तेमाल अस्पताल में और डॉक्टरों की सलाह पर ही होना चाहिए।”

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