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पत्रकारिता की पढाई करने वाले नेताजी को मिला प्रियंका गांधी का बंगला, ऐसे मोदी के करीब पहुंचे

पत्रकारिता की पढाई के दौरान भी अनिल बलूनी छात्र राजनीति में सक्रिय थे, दिल्ली में संघ परिवार के ऑफिसों के आस-पास घूमते रहते थे।

New Delhi, Jul 06 : उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी का नया पता 6बी हाउस नंबर 35 लोधी एस्टेट होने जा रहा है, दरअसल इस घर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने परिवार के साथ पिछले बीस सालों से रह रही थी, मोदी सरकार ने प्रियंका को नोटिस जारी कर 1 अगस्त कर बंगला खाली करने का आदेश दे दिया है, अब इस बंगले को अनिल बलूनी के नाम से आवंटित किया गया है, जिसकी वजह से बलूनी चर्चा में हैं।

पत्रकार से बने नेता
अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के जंगलों में सियासत के गुर सीखे हैं, वो अच्छी तरह से जानते हैं कि मंजिल तक कैसे पहुंचना है, बलूनी शांत और विचारों में मग्न रहने वाले नेताओं में गिने जाते हैं, वो हर शब्द को नाप-तौल कर बोलते हैं,  फिर चाहे सार्वजनिक रुप से या निजी रुप से, इसी वजह से सामने वाले को कभी पता नहीं चलता है कि सियासत के लिये धड़कने वाले दिल में क्या राज छिपा है, कभी पत्रकार रहे बलूनी अब मोदी-शाह के करीबियों में गिने जाते हैं, राज्यसभा सांसद और बीजेपी के मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारी हैं।

चुनावी राजनीति में सक्रिय
अनिल बलूनी का जन्म 2 सितंबर 1972 को उत्तराखंड के नकोट गांव जिला पौड़ी में हुआ था, वो युवा अवस्था से ही राजनीति में सक्रिय रहे, भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री, फिर निशंक सरकार में वन्य जीव बोर्ड के उपाध्यक्ष, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और फिर राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख बने, 26 साल की उम्र में सक्रिय चुनावी राजनीति में उतर आये, राज्य के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कोटद्वार से पर्चा भरा था, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया, जिसके बाद वो कोर्ट गये और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2004 में कोटद्वार से उपचुनाव लड़ा, हालांकि वो हार गये। इसके बाद भी राजनीति में सक्रिय रहे।

छात्र राजनीति में सक्रिय
पत्रकारिता की पढाई के दौरान भी अनिल बलूनी छात्र राजनीति में सक्रिय थे, दिल्ली में संघ परिवार के ऑफिसों के आस-पास घूमते रहते थे, संघ के जाने माने नेता सुंदर सिंह भंडारी से उनकी नजदीकियां बढी, जब सुंदर सिंह भंडारी को बिहार का राज्यपाल बनाया गया, तो बलूनी उनके ओएसडी बनकर पटना चले गये, इसके बाद सुंदर सिंह भंडारी गुजरात के राज्यपाल बने, तो बलूनी भी उनके साथ थे, उस समय गुजरात के सीएम नरेन्द्र मोदी थे।

मोदी से मेल-जोल बढाया
अनिल बलूनी ने उसी दौरान मोदी के साथ मेल-जोल बढाना शुरु कर दिया, अगले कुछ सालों में वो मोदी के करीबी लोगों में शामिल हो गये, शाह 2014 में बीजेपी के अध्यक्ष बने, जिसके बाद अनिल बलूनी को पाटी राष्ट्रीय प्रवक्ता और मीडिया प्रकोष्ठ का प्रमुख बनाया गया, एक तरह से वो अमित शाह के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक हैं।

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