राजेश पायलट, माधवराव सिंधिया और जितेंद्र प्रसाद –  गांधी परिवार से बगावत और फिर रहस्यमय मौत

शिवराज सरकार में सिंधिया खेमे को कैबिनेट में उचित जगह मिली है । उनके पिता माधव राव सिंधिया का 2001 में मैनपुर के पास एक प्‍लेन क्रैश में निधन हो गया ।

New Delhi, Jul 15: सचिन पायलट जिस तरह से बागी तेवर लिए हुए हैं ठीक वैसा ही हाल कुछ समय पहले ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया का भी था, अब जितिन प्रसाद ने भी पायलट के हक में आवाज उठाई है । खास बात ये कि इन तीनों के ही पिता कांग्रेस के बगावती रहे हैं, बावजूद इसके बेटों ने उसी पार्टी का दामन थामा और बरसों तक सेवा भी की । लेकिन अब पार्टी में हलचल है । ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया तो बीजेपी का दामन थाम ही चुके हैं, अब सचिन भी उसी राह पर हैं । हैरानी की बात ये भी है कि माधवराव सिंधिया, राजेश पायलट और जितेंद्र प्रसाद इन तीनों ही कांग्रेस के दिग्‍गजों ने अपने-अपने समय पर गांधी परिवार से बगावत की, जिसके बाद उनकी मौत भी रहस्यमय तरीके से ही हुई ।

माधव राव सिंधिया और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया
सबसे पहले बात माधवराव सिंधिया की, जिन्‍होने 1993 में कांग्रेस  छोड़कर मध्य प्रदेश विकास पार्टी के नाम से नया राजनीतिक दल बनाया, लेकिन बाद में फिर से कांग्रेस में ही शामिल हो गए ।  बहुत दिन नहीं बीते जब उनके बेटे ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया ने भी मध्‍य प्रदेश में अपनी ही सरकार से नाखुशी जताते हुए, विरोध के सुर तेज किए और जब पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया तो वो बीजेपी में चले गए । मध्‍य प्रदेश की वर्तमान शिवराज सरकार में सिंधिया खेमे को कैबिनेट में उचित जगह मिली है । उनके पिता माधव राव सिंधिया का 2001 में मैनपुर के पास एक प्‍लेन क्रैश में निधन हो गया ।

जितेन्‍द्र प्रसाद और जितिन प्रसाद
कांग्रेस के एक और बगावती नेता रहे जितेंद्र प्रसाद। जितेंद्र प्रसाद ने साल 2000 में हुए चुनाव के दौरान सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इसी चुनाव में सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट ने जितेंद्र प्रसाद का साथ दिया था। जितेंद्र प्रसाद बाद में चुनाव तो हारे ही 16 जनवरी 2011 को एक दुर्घटना में उनका निधन भी हो गया । जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष थे । इसके अलावा वह भारत के 2 प्रधानमंत्रियों, 1991 में राजीव गांधी और 1994 में पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार भी रहे । उनके बेटे जितिन प्रसाद फिलहाल कांग्रेस में ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन समय-समय पर विरोध के सुर मुखर करते रहते हैं ।

राजेश पायलट और सचिन पायलट
सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट भी कई मौकों पर कांग्रेस में बगावती सुर अपना चुके थे । सोनिया गांधी के खिलाफ अध्‍यक्ष पद के लिए खड़े होने से लेकर कई मौकों पर वो पार्टी का विरोध करते रहे । हालांकि उन्‍होने पार्टी का दामन नहीं छोड़ा । 9 जून 2000 को राजेश पायलट का जयपुर आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। बताया जाता है कि कार दुर्घटना में मृत्यु से पहले राजेश पायलट ने सोनिया गांधी से लंबी मुलाकात की थी।

सोनिया गांधी के खिलाफ उठाई आवाज
साल 2000 में जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी चुनाव लड़ रही थीं, तो उनके खिलाफ पार्टी के अंदर के जो नेता नाराज हो रहे थे उनमें जीतेंद्र प्रसाद और पायलट मुखर थे । इसी वजह से जब कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के पिता जीतेंद्र प्रसाद सोनिया गांधी के सामने चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे तो पायलट ने उनके समर्थन में रैलियां की थीं । राजेश पायलट ने बीबीसी को दिए इंटरव्‍यू में सोनिया गांधी की आलोचना की थी । उन्‍होने इस इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में कहा था कि हां, वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं । राजनीति के जानकारों का कहना है कि ये तीनों नेता कांग्रेस में बगावत का वो चेहरा थे जो गांधी परिवार के लिए चुनौती बने थे । तीनों की ही मौत भी भारतीय राजनीति के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। ये भी सत्‍य है कि कांग्रेस  पार्टी पर सोनिया गांधी के दबदबे की कहानी इन तीनों के खात्मे के साथ ही शुरू होती है।

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