New Delhi, Aug 19: पार्वतीनंदन, शिव पुत्र श्रीगणेश का एक नाम एकदंत भी है । इस नाम के पीछे का कारण है उनका एक दंत होना, यानी उनका एक दांत टूटा होना । दरअसल एकदंत गणपति की प्रतिमा 3 हजार फीट ऊपर एक पहाड़ी पर विराजमान है, ये जगह है तो भारत में ही लेकिन रहस्यमयी इसलिए है क्योंकि गणेश जी की प्रतिमा काले रंग की है और दूसरा यहां कोई मंदिर निर्मित नहीं किया गया । खुले आकाश के तले भगवान गणेश विराजमान हैं । जमीन से इतना ऊपर इस मूर्ति को कौन लाया होगा, और श्रद्धालु यहां तक कैसे पहुंचते होंगे? आगे जानिए ।
छत्तीसगढ़ में विराजमान हैं एकदंत गणपति
एकदंत गणपति की ये विशाल प्रतिमा विराजमान है, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बैलाडिला की ढोलकल पहाड़ी पर । इसकी समुद्र तल
गांव का नाम है फरसपाल
कथा को सपोर्ट करती हुई एक और बात ये है कि, चूंकि परशुरामजी के फरसे से गणेशजी का दांत टूटा था, इसलिए पहाड़ी के नीचे के गांव का
मनुष्य से भी ऊंची प्रतिमा
ढोलकल गणपति की ये प्रतिम 6 फीट ऊंची और 2.5 फीट चौड़ी है , इसे ग्रेनाइट पत्थर से बनाया गया है । वास्तुकला की दृष्टि से ये अत्यंत कलात्मक है। गणेशजी की इस प्रतिमा को आप देखें तो इसमें ऊपरी दांये हाथ में फरसा, ऊपरी बांये
बहुत कठिन है चढ़ाई
इस पहाड़ी पर चढ़ना बहुत ही मुश्किल काम है, दुर्गम रास्ते में जंगली जानवरों का भी भय रहता है । लेकिन भक्त कहते हैं कि गणपति के दर्शन को जाने वाले भक्तों को जानवरों से कोई डर नहीं होता, ना ही वे उन्हें कोई नुकसान पहुंचाते हैं ।
आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…
ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…
अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…
धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…
भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…
मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…
Leave a Comment