Categories: सियासत

राजीव गांधी-संभावनाओं का असमय अंत

एक अन्य अवसर पर यह भी कह दिया कि केंद्र सरकार दिल्ली से 100 पैसे भेजती है,किंतु गांव तक उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचते हैं।

New Delhi, Aug 20: सन 1984 में प्रधान मंत्री बनने से पहले ही राजीव गांधी की छवि ‘मिस्टर क्लिन’ की बननी शुरू हो गई थी। प्रधान मंत्री बनने के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से दो महत्वपूर्ण बातें कह दीं। उन बातों से लगा कि वे इंदिरा गांधी की कमी को भी पूरा कर देंगे। इंदिरा गांधी भ्रष्टाचार के प्रति सहिष्णु थीं।
इस देश के लिए उस सबसे बड़े मर्ज के बारे में श्रीमती गांधी कहती थीं कि ‘‘भ्रष्टाचार तो वल्र्ड फेनोमेना है।’’ यानी,यह जब पूरे विश्व में है तो यहां भी है,फिर इसमें कौन सी बड़ी बात है ? इसके उलट राजीव गांधी ने ‘‘सत्ता के दलालों’’ के खिलाफ जोरदार आवाज उठा दी।

उन्होंने एक अन्य अवसर पर यह भी कह दिया कि केंद्र सरकार दिल्ली से 100 पैसे भेजती है,किंतु गांव तक उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचते हैं। उससे पहले देश के तीन राज्यों के विवादास्पद कांग्रेसी मुख्यमंत्री जब एक साथ हटा दिए गए थे तो यह कहा गया कि इसके पीछे पार्टी महासचिव राजीव गांधी का ही हाथ है। उन्हें भ्रष्टाचार पसंद नहीं है। इन बातों से अनेक लोगों में यह धारणा बनी कि प्रधान मंत्री राजीव गांधी भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक कदम उठाएंगे।
पर,अंततः ऐसा नहीं हो सका।
कई कारणों से प्रधान मंत्री के रूप में उनके कदम डगमगाने लगे। राजनीतिक रूप से दूरदर्शी लोगों को लगने लगा कि मिस्टर क्लीन से जो उम्मीद की गई थी,वह पूरी नहीं होती लगती है।
यानी एक विराट संभावना का असमय अंत होने लगा।

राजीव की पहली गलती
बोफर्स तोप सौदा घोटाला तथा एक -एक कर अन्य घोटाले सामने आने लगे। सर्वाधिक चर्चा बोफर्स की हुई क्योंकि उसके दलालों में एक क्वात्रोचि इटली का था। उसकी प्रधान मंत्री के आवास में
किसी सुरक्षा जांच के बिना सीधी पहुंच थी।
दूसरी गलती
1989 के भागलपुर सांप्रदायिक दंगे के समय वहां के विवादास्पद एस.पी.का तबादला प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने रुकवा दिया।मुख्य मंत्री से पूछे बिना। दंगे के दौरान ही मुख्य मंत्री ने तबादला कर दिया था। तबादला रुकने के बाद और अधिक हत्याएं हुईं। नतीजतन कांग्रेस का वोट बैंक पूरे देश में उससे अलग हो गया।
तीसरी गलती
1990 में जब मंडल आरक्षण आया तो कांग्रेस हाईकमान को उस पर कोई स्टैंड लेना था। ‘‘राजीव गांधी के कहने पर मणिशंकर अय्यर ने आरक्षण पर एक प्रस्ताव तैयार किया। उसमं कहा गया था कि आरक्षण को पूरी तरह ठुकरा दिया जाना चाहिए। मणि द्वारा तैयार प्रस्ताव पर कांग्रेस कार्यसमिति व राजनीतिक मामलों की समिति की साझी बैठक में विचार होना था। प्रस्ताव पेश होते ही समिति में शामिल पिछड़ी जाति के नेताओं ने मणि द्वारा तैयार प्रस्ताव का कड़ा विरोध कर दिया।’’

-इंडिया टूडे-30 सितंबर 1990
इस पर राजीव दुविधा में पड़ गए। फिर भी उन पर मणि शंकर अय्यर का असर कायम रहा ।
मंडल आरक्षण पर राजीव गांधी ने संसद में तीन घंटे तक भाषण किया। उस भाषण से इस देश के अधिकतर पिछड़ों को ऐसा लगा कि कांग्रेस आरक्षण का दिल खोल कर समर्थन नहीं कर रही है।
1989 के बाद एक बार फिर 1991 के लोक सभा चुनाव में भी कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला।
उसके बाद तो किसी चुनाव में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला।
राजीव गांधी अपने राजनीतिक जीवन के शुरूआती दौर में सच्चे,सहृदय और शालीन नेता के रूप में उभरे थे। वे कोरे कागज थे। लोगबाग उनसे प्रभावित भी थे। किंतु अपनी अनुभवहीनता या गलत सलाहकारों के कारण संभावनाओं का असमय अंत हो गया। कहानी का मेारल –यदि भविष्य में किसी ऐसे ही कोरे कागज नुमा नेता को जिसके खिलाफ कोई शिकायत न हो ,मौका मिले तो वह राजीव की खूबियों के साथ-साथ गलतियों को भी याद रखें,उनसे सबक लें , अच्छा करेंगे।
(वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र किशोर के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-1

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

11 months ago