Categories: सियासत

Opinion: सुशांत मामले में CBI कैसे न्याय दिला देगी?

बिहार सरकार भी राजनीति करने में पीछे नहीं रही। बड़े ही महीन तरीके से उसने कानूनी दांव चले। मौत के 40 दिन बाद सुशांत के पिता ने पटना में FIR दर्ज कराया।

उम्मीद की जानी चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुशांत सिंह राजपूत (SSR) की मौत को लेकर चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर थम जायेगा। और संदिग्ध मौत का सच सामने आ सकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने SSR की संदिग्ध मौत की जांच का जिम्मा CBI को सौंप दिया है। सुशांत के परिवार से लेकर बिहार सरकार और अनेक राजनीतिक दलों ने इस मामले की CBI जांच की मांग की थी।
सबसे पहले CBI जांच की मांग तेजस्वी यादव ने की थी। यह अपने आप में आश्चर्यजनक है। CBI जांच के कारण ही उनके पिता लालू प्रसाद को चारा घोटाले में सजा हुई है। इसे तेजस्वी साजिश करार देते हैं। यानी CBI को वे भरोसेमंद एजेंसी नहीं मानते। फिर सुशांत मामले में CBI कैसे न्याय दिला देगी?

यही राजनीति है। लाश पर राजनीति करना जिसे कहते हैं, वही सुशांत मामले में राजनेताओं और सरकारों ने किया। उनकी मंशा सुशांत के फैन्स को अपने पाले में करने की रही है। ताकि उसे वोट में बदल जा सके। बिहार में अभी चुनाव होने हैं।
महाराष्ट्र सरकार और मुम्बई पुलिस ने इस मामले को जिस तरह से हैंडिल किया, उससे उनका पूर्वाग्रह साफ दिख रहा था। बड़े-बड़े आतंकियों और माफिया डॉन को ठिकाने लगाने वाली मुम्बई पुलिस इस केस में भारी दबाव में दिख रही थी। इस एक केस ने मुंबई पुलिस की मेहनत से बनाई गई छवि को पूरी तरह मटियामेट कर दिया। प्रारंभिक सहयोग के बाद बिहार पुलिस को जांच से रोकना और IPS अफसर विनय तिवारी को अचानक कोरेन्टीन करना यह दर्शाता है कि बिहार पुलिस की जांच से वह परेशानी महसूस कर रही थी। उसकी मंशा सच्चाई सामने लाने की नहीं थी।

महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना के सांसद संजय राउत जिस तरह के बयान दे रहे थे, इससे उनकी पक्षधरता साफ दिखाई पड़ रही थी। जब सरकार और सत्तारूढ़ दल सत्य का गला घोंटने पर आमादा हों तो न्याय की उम्मीद नहीं कि जा सकती। उधर महाराष्ट्र और बिहार पुलिस इस केस को लेकर गुत्थम गुत्था हो रही थी।ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के सामने इस केस की जांच CBI को सौपनें के अलावा कोई अन्य रास्ता नहीं था। दूसरी कोई जांच एजेंसी है नहीं।
बिहार सरकार भी राजनीति करने में पीछे नहीं रही। बड़े ही महीन तरीके से उसने कानूनी दांव चले। मौत के 40 दिन बाद सुशांत के पिता ने पटना में FIR दर्ज कराया। आनन फानन में पुलिस का विशेष जांच दल मुंबई पहुंच गया और सुशांत की मौत के कारणों की खोजबीन शुरु कर दी। यह तेजी हैरान करनेवाली थी। इसके पहले किसी केस में ऐसा हुआ हो, यह मुझे स्मरण नहीं। बिहार पुलिस FIR दर्ज नहीं करने और जांच को लटकाए रखने के लिए जानी जाती है। यहां तो शव सड़क पर पड़ा रहता है और केस दर्ज नहीं होता। क्योंकि पुलिस उसे दूसरे थाने का क्षेत्राधिकार बता कर पल्ला झाड़ लेती है।

ताजा मामला मुजफ्फरपुर का है। 13 अगस्त को मुजफ्फरपुर में छेड़खानी से आहत एक लड़की अखाडाघाट पुल से बूढ़ी गंडक में कूद गई। घरवालों ने पहले सिकंदरपुर ओपी से उसे बचाने की गुहार लगाई। ओपी में तैनात पुलिसवालों ने घटनास्थल अहियापुर थाना के क्षेत्राधिकार में पड़ने की बात कह वहां भेज दिया। अहियापुर थाना ने सबेरे लड़की को ढूंढने की बात कह उन्हें टरका दिया।
यह अकेला वाकया नहीं है। ऐसी घटनाएं रोज होती हैं। रेप के मामले दर्ज करने में भी पुलिस गम्भीरता नहीं दिखाती। एक थाने का केस दूसरे थाने में नहीं लिया जाता। दूसरे प्रदेश का मामला दर्ज कराने की तो कोई सोच भी नहीं सकता। कमोबेश पूरे प्रदेश में पुलिस का यही चरित्र है। वही पुलिस सुशांत केस में इतनी सक्रिय कैसे हो जाती है?
हालांकि यह अच्छी बात है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन क्या अन्य मामलों में भी बिहार पुलिस की ऐसी सक्रियता दिखेगी? किसी अन्य व्यक्ति के साथ दूसरे प्रदेश में घटी घटना की FIR बिहार में ली जायेगी? जवाब सबको मालूम है। पुलिस की इस सक्रियता के पीछे वोट की राजनीति की बात कही जा रही है। इसमें सरकार की दिलचस्पी देखी जा सकती है।

फिर सुशांत के परिजनों के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने त्वरित निर्णय लेते हुए यह केस CBI को देने की अनुशंसा कर दी।
यहां मुजफ्फरपुर के नवरुणा केस के बारे में भी जानना दिलचस्प होगा। एक साल तक उसके पिता सरकार से गुहार लगाते रहे, कोर्ट गये। तब उनकी पुत्री की गुमशुदगी का केस CBI को सौंपा गया। क्या यह दोहरा रवैया नहीं है?
अब बात CBI की। वर्षों गुजर गये। CBI नवरुणा का पता नहीं लगा पायी। वर्षों बाद भी रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया के हत्यारों को CBI नहीं ढूंढ पायी। कोर्ट खुद CBI को ‘ पिंजरे में बंद तोता’ बता चुका है। उसी CBI को अब सुशांत के मौत की गुत्थी सुलझाने की जिम्मेवारी मिली है।
देखना दिलचस्प होगा कि CBI रूपी तोता चार्जशीट में अपनी बात बोलता है या मालिक की बताई बात बोलता है! उसकी प्रतिष्ठा दाव पर है।
(वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के फेसबुक वॉल से साभार, ये लेखक के निजी विचार हैं)

Leave a Comment
Share
Published by
ISN-1

Recent Posts

इलेक्ट्रिशियन के बेटे को टीम इंडिया से बुलावा, प्रेरणादायक है इस युवा की कहानी

आईपीएल 2023 में तिलक वर्मा ने 11 मैचों में 343 रन ठोके थे, पिछले सीजन…

10 months ago

SDM ज्योति मौर्या की शादी का कार्ड हुआ वायरल, पिता ने अब तोड़ी चुप्पी

ज्योति मौर्या के पिता पारसनाथ ने कहा कि जिस शादी की बुनियाद ही झूठ पर…

10 months ago

83 के हो गये, कब रिटायर होंगे, शरद पवार को लेकर खुलकर बोले अजित, हमें आशीर्वाद दीजिए

अजित पवार ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा आप 83 साल…

10 months ago

सावन में धतूरे का ये महाउपाय चमकाएगा किस्मत, भोलेनाथ भर देंगे झोली

धतूरा शिव जी को बेहद प्रिय है, सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा…

10 months ago

वेस्टइंडीज दौरे पर इन खिलाड़ियों के लिये ‘दुश्मन’ साबित होंगे रोहित शर्मा, एक भी मौका लग रहा मुश्किल

भारत तथा वेस्टइंडीज के बीच पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से डोमनिका में खेला जाएगा,…

10 months ago

3 राशियों पर रहेगी बजरंगबली की कृपा, जानिये 4 जुलाई का राशिफल

मेष- आज दिनभर का समय स्नेहीजनों और मित्रों के साथ आनंद-प्रमोद में बीतेगा ऐसा गणेशजी…

10 months ago